Wednesday, April 17, 2024
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Jio Institute को उत्कृष्ट संस्थान घोषित करने पर फंसी मोदी सरकार

SI News Today

Modi government hanging on declaring Jio Institute as an excellent institution.

   

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों समेत छह विश्वविद्यालयों IIT दिल्ली, IIT बंबई और IISC बेंगलुरु, मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और JIO इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ठ संस्थान का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की।मानव संसाधन विकास मंत्रालय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा कि देश के लिए उत्कृष्ठ संस्थान “Institute of Eminence” काफी महत्वपूर्ण है। हमारे देश में 800 विश्वविद्यालय हैं, लेकिन एक भी विश्वविद्यालय शीर्ष 100 या 200 की विश्व रैंकिंग में शामिल नहीं है। आज के निर्णय से इसे हासिल करने में मदद मिलेगी। मंत्रालय के अनुसार इससे इन संस्थानों के स्तर एवं गुणवत्ता को तेजी से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जा सकेगा। इस कदम से इन संस्थानों को विश्व स्तरीय संस्थान बनाने की दिशा में जो कुछ भी जरूरी होगा, किया जा सकेगा।

प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा है कि रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए टिकाऊ योजना, सम्पूर्ण स्वतंत्रता और सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को सार्वजनिक वित्त पोषण की जरूरत होती है। मोदी सरकार की प्रतिबद्धता हस्तक्षेप नहीं करने और संस्थानों को अपने अनुरूप आगे बढ़ने की अनुमति प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से एक और मील का पत्थर स्थापित करने वाली गुणवत्तापूर्ण पहल की गई। विशेषज्ञ समिति की ओर से उत्कृष्ठ संस्थानों का चयन किया गया है और आज हम छह विश्वविद्यालयों की सूची जारी कर रहे हैं जिसमें 3 सार्वजनिक क्षेत्र के और 3 निजी क्षेत्र के संस्थान शामिल हैं।

केंद्रीय संसाधन मंत्री ने सभी उत्कृष्ट संस्थानों का दर्जा मिलने पर बधाई देते हुए कहा है कि यह इस दिशा में मील का पत्थर निर्णय है क्योंकि इसके बारे नहीं सोचा और प्रयास किया गया था। यह श्रेणीबद्ध स्वायत्तता से कहीं आगे की चीज है और वास्तव में संस्थानों की पूर्ण स्वायत्ता जैसा है। इससे संस्थान अपना निर्णय ले सकेंगे। आज का निर्णय एक तरह से पूर्ण स्वायत्तता है और इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी छात्र को शिक्षा के अवसर एवं छात्रवृत्ति, ब्याज में छूट, फीस में छूट जैसी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सके।

जावड़ेकर ने कहा कि आने वाले समय में और संस्थानों को उत्कृष्ठ संस्थान के रूप में मान्यता मिल सकेगी। देश के आईआईटी में लड़कियों की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत हो गई है और दो वर्ष पहले की तुलना में यह 8 प्रतिशत की वृद्धि है। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बंबई को बधाई देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि इन दोनों उत्कृष्ठ संस्थानों को सरकारी वित्त पोषण प्राप्त होगा क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के जिन संस्थानों को (जिनमे मुकेश अम्बानी ग्रुप की रिलायंस फॉउण्डेशन के अंतर्गत चलने वाले जियो इंस्टिट्यूट भी शामिल है) उत्कृष्ठ संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया है, उन्हें अगले पांच वर्षो के दौरान 1000 करोड़ रूपये का सरकारी अनुदान मिलेगा।

जियो इंस्टिट्यूट को ये सम्मान देने से सरकार निशाने पर आ गयी है। निजी संस्थानों में रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट को भी शामिल किया है, जो अभी तक अस्तित्व में नहीं है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इन नामों की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सरकार कैसे एक संस्थान को अस्तित्व में आने से पहले उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दे सकती है। कांग्रेस ने Tweet कर कहा है कि- “बीजेपी सरकार फिर से मुकेश और नीता अंबानी का पक्ष लिया है, जिसने भ्रमपूर्ण JIO संस्थान जिसने अभी तक दिन की रोशनी भी नहीं देखी है, उसे ‘प्रतिष्ठित’ संस्थान के रूप में घोषित किया गया है। सरकार को ऐसा कदम उठाने के लिए अपना वर्गीकरण के आधार पर स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है।”

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