Tejasvi Yadav will present today's claim to form government.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद उठे सियासी तूफान का असर अब बिहार में भी देखने को मिल रहा है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव अपने विधायकों के साथ शुक्रवार (18 मई) को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि, बिहार में राजद न केवल सबसे बड़ी पार्टी है बल्कि जद (यू) के बाहर चले जाने के बाद भी कांग्रेस और राजद का चुनाव से पहले का सबसे बड़ा गठबंधन है. उन्होंने सवाल उठाया कि इसके बावजूद उन्हें सरकार बनाने के लिए क्यों नहीं बुलाया गया.
राजद को मिले सरकार बनाने का न्योता
कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने की बात का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्योता दिया गया, तो बिहार में उसी तर्ज पर सरकार बनाने का न्योता राजद को मिलना चाहिए. तेजस्वी ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिए जाने पर भी आपत्ति जताई.
संविधान बदलना चाहती है बीजेपी
तेजस्वी ने बीजेपी को संविधान के बदलने की इच्छा रखने वाली पार्टी बताते हुए सभी गैर बीजेपी दलों को एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि बीजेपी गठबंधन के साथ रहने वाली पार्टियां भी धीरे-धीरे उससे दूर हो रही हैं. उन्होंने राजग में शामिल दलों से भी बीजेपी से अलग होने का आह्वान किया और कहा कि उन्हें इस पर विचार करना चाहिए कि वे कैसे लोगों के साथ रहना चाहते हैं.
आपको बता दें कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं और उसने जनता दल यूनाइटेड के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन बाद में जनता दल यूनाइटेड और भाजपा एक हो गए और सरकार बना ली.
गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (एस) ने 117 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी थी. लेकिन चुनाव परिणाम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया और येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की गुरुवार को शपथ दिलाई गई. इसके बाद से ही पूरे देश में सियासी तूफान उठा हुआ है. विपक्ष इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहा है.