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65वें #NationalFilmAwardsकी घोषणा हो चुकी है। ज्यूरी के बाकी मेंबर्स की मौजूदगी में शेखर कपूर ने पुरस्कारों की घोषणा की।। इस साल राष्ट्रीय पुरस्कारों की जूरी के अध्यक्ष हैं फिल्ममेकर शेखर कपूर, जो इस पुरस्कारों की घोषणा कर रहे हैं। राष्ट्रीय पुरस्कारों की जूरी में इस साल 10 सदस्य हैं। इस जूरी में स्क्रीन राइटर इम्तियाज हुसैन, लेखक मेहबूब, साउथ इंडियन एक्ट्रेस गौतमी ताडिमाला और कन्नड़ डायरेक्टर पी. शेषाद्री, रंजीत दास आदि हैं।
इस बार ‘न्यूटन’ और ‘बाहुबली- द कन्क्लूजन’ का डंका बजा है। राजकुमार की फिल्म ‘न्यूटन’ को बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड मिला है। वहीं बेस्ट एक्शन डायरेक्शन और स्पेशल इफेक्ट्स के लिए ‘बाहुबली- द कन्क्लूजन’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। लेकिन बेस्ट फिल्म के तौर पर आखिर में बाजी मारी है आसामी फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ ने।
बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी को दिया गया है। जबकि इस साल का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिवंगत एक्टर विनोद खन्ना को दिया गया है। श्रीदेवी को उनकी 300वीं फिल्म ‘मॉम’ के लिए यह पुरस्कार मिला है।
फिल्म ‘इरादा’ के लिए एक्ट्रेस दिव्या दत्ता को ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का पुरस्कार दिया गया है। दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी की 300वीं फिल्म ‘मॉम’ के बेकग्राउंड म्यूजिक को बेस्ट बेकग्राउंड स्कोर का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है।
एक नजर डालते हैं नेशनल फिल्म अवॉर्ड की पूरी लिस्ट पर…
– बेस्ट हिंदी फिल्म- न्यूटन
– बेस्ट पॉपुलर फिल्म (एंटरटेनमेंट)- बाहुबली: द कन्क्लूजन
– बेस्ट एक्शन डायरेक्शन- अली अब्बास मोगल (बाहुबली- द कन्क्लूजन)
– बेस्ट स्पेशल इफेक्ट्स- बाहुबली- द कन्क्लूजन
– स्पेशल मेंशन अवॉर्ड- पंकज त्रिपाठी (न्यूटन)
– बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर- शाशा तिरूपति (मलयालम)
– बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस- दिव्या दत्ता (फिल्म इरादा)
– बेस्ट डायरेक्शन- भयानकम (मलयालम फिल्म)
– बेस्ट एक्ट्रेस- श्रीदेवी (मॉम)
– बेस्ट एक्टर- रिद्धि सेन (बंगाली फिल्म नगर कीर्तन)
– बेस्ट कोरियोग्राफर- गणेश आचार्य (टॉयलेट- एक प्रेम कथा)
– बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर- ए आर रहमान
– दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड- दिवंगत विनोद खन्ना
– बेस्ट उड़िया फिल्म- Hello Arsi
– बेस्ट तेलुगू फिल्म- गाजी
– बेस्ट कन्नड़ फिल्म- Hebbettu Ramakka
– बेस्ट मराठी फिल्म- कच्चा लिंबू
– नरगिस दत्त अवॉर्ड (फीचर फिल्म)- ठप्पा (निपुण धर्माधिकारी)
– बेस्ट चाइल्ड फिल्म- म्होरक्या