नेपाल में जन्मे उदित नारायण ने नेपाली फिल्मों से ही अपना करियर शुरू किया था। उदित नारायण 70 के दशक में मुंबई के भारतीय विद्या भवन से शास्त्रीय संगीत सीखने के लिए आए थे। उदित नारायण अबतक 34 भाषाओं में 25 हजार से ज्यादा गाने गा चुके हैं। फिलहाल उदित भोजपुरी गाने ज्यादा गाते हैं। उनकी प्रोडक्शन कंपनी भोजपुरी और मैथिली फिल्में बनाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं स्ट्रगल के दिनों में उदित नारायण को फेमस सॉन्ग ‘पापा कहते हैं…’ गाने का मौका कैसे मिला था? नहीं जानते तो कोई बात नहीं चलिए आज हम बताते हैं। जब भोजपुरी गाना गाने गए उदित नारायण को यह बॉलीवुड सॉन्ग गाने का मौका मिल गया था।
सभी जानते हैं कि उदित नारायण को फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में गाए गाने की वजह बॉलीवुड इंडस्ट्री में पहचान मिला थी। यह फिल्म साल 1988 में रिलीज हुई थी, जिसके म्यूजिक डायरेक्टर थे मिलिंद चित्रगुप्त और आनंद चित्रगुप्त।
उन दिनों उदित नारायण काफी स्ट्रगल कर रहे थे। अपना खर्चा चलाने के लिए होटल में भी गाने गाते थे। हालांकि राजेश रोशन ने उन्हें एक फिल्म में रफी और ऊषा मंगेशकर के साथ गाना गाने का मौका दिया था। फिर भी उनका स्ट्रगल जारी रहा। उन्हीं स्ट्रगल के दिनों में उनकी मुलाकात हुई गीतकार अंजान से उन्होंने म्यूजिक डायरेक्टर चित्रगुप्त से मिलवाया और उदित को एक भोजपुरी फिल्म में गाने का मौका मिला। उसी वक्त चित्रगुप्त ने उदित नारायण को अपने बेटों आनंद और मिलिंद से मिलवाया था।
मिलिंद चित्रगुप्त और आनंद चित्रगुप्त ‘कयामत से कयामत तक’ का म्यूजिक कर रहे थे। उन्हें भी उदित की आवाज पसंद आ गई और ऐसे उदित नारायण को ‘पापा कहते हैं…’ गाना गाने के मौका दिया गया। इस गाने के बाद की कहानी सभी जानते हैं। उदित नारायण रातों-रात बॉलीवुड इंडस्ट्री के सिंगिग स्टार बन गए थे। अगर आज भी उदित नारायण से उनका प्रिय गाना पूछा जाए तो वह इसी गाने का नाम बताते हैं।
बता दें कि इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगिंग के लिए फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई बेहतरीन संगीत निर्देशकों के साथ काम किया। उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया। उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए।