महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां पर दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में ट्यूमर से पीड़ित महिला का डॉक्टर ने खुद इलाज करने की जगह एक तांत्रिक से इलाज करवाया. समय पर सही उपचार नहीं मिलने के कारण महिला की मौत हो गई. इस घटना के बाद मृतक महिला के परिजनों ने आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गई है. मामला सामने आने के बाद आरोपी डॉक्टर ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में डॉक्टर आईसीयू में तांत्रिक से इलाज करवाता साफ नजर आ रहा है.
सीने में ट्यूमर की हुई थी सर्जरी
जानकारी के अनुसार, 24 वर्षीय संध्या सोनवणे को सीने में ट्यूमर था. इसके इलाज के लिए उसे पुणे के ले स्वारगेट इलाके में स्थित डॉ. सतीश चौहान के अस्पताल में ले जाया गया. जहां संध्या की सर्जरी की गई. इस ऑपरेशन को सफल बताया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में संध्या की तबीयत बिगड़ने लगी. इस पर डॉक्टर सतीन ने संध्या को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ले जाने की बात कही.
हालत बिगड़ने पर बदला अस्पताल
संध्या को 21 फरवरी को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे सीधे आईसीयू में भर्ती किया गया. आईसीयू स्पेशल रूम में संध्या की स्थिति पर लगातार 24 घंटे नजर रखी जा रही थी. परिवार का आरोप है कि संध्या को जब तक होश नहीं आया तब तक डॉक्टर खुद भी गायब हो गए. उन्हें जब कॉल किया गया तो डॉक्टर ने कहा कि वे पूजा-पाठ कर रहे हैं ताकि मरीज की हालत में सुधार हो.
तांत्रिक को लेकर अस्पताल पहुंचा डॉक्टर
संध्या को जब होश आया तो डॉक्टर को सूचित किया गया. इस पर डॉ. सतीश दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल पहुंचे, इस दौरान उनके साथ एक जींस-टीशर्ट पहने शख्स भी था, जो एक तांत्रिक था. आईसीयू में आने पर डॉक्टर संध्या के बेड के एक ओर खड़े हो गए और तांत्रिक ने पूजा सामग्री निकालना शुरू कर दी.
आईसीयू में डॉक्टर सतीश इलाज करने की जगह तांत्रिक से पूजा करवाने लगा. डॉक्टर का कहना था कि ऐसा संध्या की हालत में सुधार के लिए किया जा रहा है. पूजा होने के बाद तांत्रिक के साथ डॉक्टर भी चले गए. अगले दिन ही संध्या की हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई.
पुलिस में शिकायत दर्ज
पीड़ित परिवार ने मामले में कार्रवाई के लिए एनजीओ की मदद ली. घटना के वीडियो के आधार पर डॉक्टर सतीश के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई. आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने बचने के लिए पीड़ित परिवार और एनजीओ को पैसे देने की भी कोशिश की.
वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वे जादू टोना और तांत्रिक बाबा आदि को बढ़ावा नहीं देते हैं. अस्पताल में ऐसा होना हैरानी की बात है. मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. दोषी पाए जाने पर अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर और मैनेजमेंट पर भी कार्रवाई की जाएगी.