Violation of the rules with the railway workers, Do not drink water or toilets like prisoners.
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लखनऊ डिवीजन में इंजीनियरिंग गेट मेन को रेल में सुरक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण रखते हे उनका काम होता हैं कि रेल के यातायात को सुचारू रूप से चलाना जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना से लोगों को बचाया जा सके. परन्तु जिन रेल कर्मियों के ऊपर इसकी जिम्मेदारी है उनकी हालत बद से बदतर हो गयी है. SIन्यूज़ टुडे की टीम ने ऐसे ही एक गेटमैन से उनकी जिम्मेदारी व वहां व्याप्त कमियों की पड़ताल की तो कर्मचारियों ने बताया कि उन से वहां बिना बुनियादी सुरक्षा के ड्यूटी कराया जा रहा है.
इंजी गेट मेन कर्मचारियों से बात करने पर पता चला कि इस मुद्दे को लेकर डिवीजन से रेल महाप्रबंधक तक आवाज उठाया गया लेकिन कुछ नही हो रहा है. सबका कहना है कि ड्यूटी 8 घंटे की है फिर भी उनसे कौन व किसके आदेश पर 12 घंटे ड्यूटी कराई जा रही है.
स्वछ भारत अभियान ने तहत सभी जगह शौचालय का निर्माण हो गया लेकिन रेलकर्मियों को अभी तक इज्जत घर नही नसीब हुआ. रेल कर्मी खुले आसमान के नीचे मूत्र विसर्जन व् मलत्याग के लिए मजबूरी में जाते है. रेल प्रसाशन ने इंजी गेट मेन के लिए पीने के पानी की भी ब्यवस्था नही कि है, जबकि बिना पानी के इस भीषण गर्मी में 12 घंटे ड्यूटी करना अपने आप में असाधारण बात है. इसके अलावा कर्मचारियों का कहना है कि गेट की छत से बरसात में पानी भी टपकता है जिसका आज तक कोई उपाय भी नहीं किया गया.