What’s going to be expensive is the rupee against the dollar, at 69
डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 69.0300पर पहुंच गया है। बुधवार को रुपया 1 डॉलर के मुकाबले 68.60 रुपए पर बंद हुआ था। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 68.89 पर खुला। बाद में रुपए ने डॉलर के मुकाबले 69 का स्तर तोड़ दिया। सिर्फ जून में रुपए में 2.1 फीसदी की गिरावट आई है। 2018 में डॉलर के मुकाबले रुपया 7.2 फीसदी कमजोर हो चुका है। पूरे एशिया में रुपए ने 2018 में सबसे खराब प्रदर्शन किया है।
रुपए में कच्चे तेल के दाम बढ़ने और महंगाई के दबाव के कारण कमजोरी आ रही है। रुपए में कमजोरी से भारत का व्यापार घाटा बढ़ रहा है। रुपए में कमजोरी को रोकने के लिए रिजर्व बैंक भी बुधवार को बाजार में आ गया है। हाल ही में वित्त मंत्रालय का कार्यभार देख रहे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि लंबे समय में रुपया स्थिर रहेगा।
कमजोर रुपए के कारण हमारा इंपोर्ट महंगा हो जाएगा। भारत अपने उपयोग का 80 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है। अब हमें तेल के आयात पर ज्यादा रुपए देने होंगे। इसक कारण भारत का चालू खाता घाटा बढ़ जाएगा। इस कारण भारत में पेट्रोल और डीजल के भाव भी बढ़ेंगे। जिसका असर सीधे महंगाई पर पड़ेगा। विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को दिक्कत होगी। उनके घर वालों को अब ज्यादा पैसा भेजना होगा। कंप्यूटर, फोन और कार के महंगे होंगे क्योंकि इनके पार्ट्स आयात किए जाते हैं।
एक्सपोर्ट करने वालों के लिए कमजोर रुपया अच्छा है। उनको अब अपने प्रोडक्ट के लिए ज्यादा रुपए मिलगे। इसका फायदा आईटी कंपनियों और फार्मा कंपनियों को होगा। इनकी अधिकतर आय विदेशों से होती है।