दिल्ली: कितने आदमी थे… तीनों बच गए…. और फिर गब्बर सिंह की वो हंसी जिसे सुन थिएटर में मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. लेकिन अमजद खान यदि अपने डर पर काबू नहीं पाते तो शायद हम में से किसी को भी ये डायलॉग इस अंदाज में सुनने को न मिलते और शायद गब्बर सिंह का किरदार सिर्फ एक मामूली विलन का किरदार बनकर रह जाता. फिल्म शोले से कई बड़े सितारे जुड़े हुए थे. संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी जैसे बड़े सितारे इस फिल्म से जुड़े हुए थे. लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो सबकी जुबां पर बस गब्बर सिंह यानि अमजद खान का ही नाम था. उनकी शानदार एक्टिंग और दमदार डायलॉग्स लोगों के सिर पर ऐसे छाए कि आजतक उन्हें कोई भुला नहीं सका है.
शोले के गब्बर सिंह का रोल के लिए अमजद खान पहली पसंद नहीं थे. डायरेक्टर रमेश सिप्पी चाहते थे कि ये किरदार डैनी निभाएं. डैनी के पास उस समय इतना काम था कि उन्हें रोल करने से इनकार करना पड़ा. ऐसे में फिल्म के लेखक सलीम खान ने रमेश सिप्पी को गब्बर के किरदार के लिए अमजद खान का नाम सुझाया.
अमजद खान के पास रमेश सिप्पी जब स्क्रिप्ट लेकर पहुंचे. रोल पढ़ने पर वे डर गए. उन्हें ये किरदार बेहद चैलेंजिंग लगा. ऐसा किरदार उन्होंने पहले कभी नहीं निभाया था. वे डरे हुए थे कि रोल उनसे हो भी पाएगा या नहीं.
डाकू का रोल करने के लिए अमजद खान ने तैयारी शुरू की तो उन्होंने डाकुओं पर आधारित किताबें भी पढ़ी, जिससे उन्हें उनके रहन-सहन व तरीकों की जानकारी मिली. डायलॉग की बारी आई तो फिल्म के दूसरे लेखक जावेद अख्तर को अमजद की आवाज में दम नहीं लगा और उन्हें ड्रॉप करने की तैयारी होने लगी. लेकिन अमजद ने इसे चुनौती की तरह लिया और बार-बार प्रेक्टिस कर वो आवाज पाई जो आज भी फिल्म शोले देखने वाले हर शख्स के दिमाग में ताजा है.
फिल्म रिलीज होते ही ब्लॉकबस्टर हुई. अमजद खान ने स्टारडम को छू लिया. हर कोई उन्हें गब्बर सिंह के नाम से ही पुकारने लगा. इतना ही नहीं फिल्म के रिलीज होने के कई साल बाद भी लोग उन्हें गब्बर ही बोलते रहे. वो कहीं जाते तो उनसे गब्बर का डायलॉग सुनाने की गुजारिश की जाती.
अमिताभ बच्चन ने शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के एक एपिसोड में बताया था कि गब्बर सिंह के किरदार की छाप बड़ों से लेकर बच्चों तक के दिमाग पर थी. एक बार जब अमजद खान उनके घर आए तो छोटी उम्र के अभिषेक बच्चन दौड़ते हुए उनके पास आए और कहा कि उनके घर गब्बर सिंह आया है. जिसके बाद अमिताभ ने उन्हें समझाया कि गब्बर सिंह सिर्फ एक काल्पनिक किरदार है.
अमजद खान आज भले ही इस दुनिया में नहीं है लेकिन आज भी फिल्म समीक्षक ये मानते हैं कि गब्बर सिंह का किरदार इतनी आसानी से भूले जाने वाला नहीं है.