विश्व कप 2019 यूनाईटेड किंगडम में 30 मई से 14 जुलाई के बीच खेला जाएगा और भारत अपने अभियान की शुरूआत पांच जून को करेगा क्योंकि बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुरूप आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय मैच के बीच 15 दिन का अनिवार्य अंतर रखना होगा।
इस मसले पर आज यहां आईसीसी मुख्य कार्यकारियों (सीईसी) की बैठक में चर्चा हुई। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, अगले साल आईपीएल 29 मार्च से 19 मई के बीच खेला जाएगा लेकिन हमें 15 दिन का अंतर रखना होगा और विश्व कप 30 मई से शुरू होगा।
इसलिए 15 दिन का अंतर रखने के लिये हम पांच जून को ही पहला मैच खेल सकते हैं। इससे पहले हमें दो जून को पहला मैच खेलना था लेकिन हम उस दिन नहीं खेल सकते हैं। अधिकारी ने पहले कहा था कि मैच चार जून को होगा लेकिन बाद में उन्होंने इसमें सुधार किया।
उन्होंने कहा, हमें सबसे पहले दक्षिण अफ्र्रीका से भिड़ना होगा। सीईसी इस पर सहमत हो गयी है और यह मसला आईसीसी बोर्ड के पास भेज दिया गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच मैच 16 जून को मैनचेस्टर में खेला जाएगा। भारत ने विश्व कप में हमेशा पाकिस्तान को हराया है।
दिलचस्प बात यह है इससे पहले आईसीसी के विभिन्न टूर्नामेंटों की शुरूआत भारत-पाकिस्तान के मुकाबले से होती थी क्योंकि इसमें स्टेडियम खचाखच भरा होता है। विश्व कप 2015 में आस्ट्रेलिया (एडिलेड) और चैंपियन्स ट्राफी 2017 (र्बिमंघम) में भी ऐसा हुआ था।
अधिकारी ने कहा, यह पहला अवसर है जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू में मुकाबला नहीं होगा। यह टूर्नामेंट राउंड रोबिन (विश्व कप 1992 की तरह जिसमें सभी टीमें एक दूसरे के खिलाफ खेलेंगी) आधार पर होगा। जो अन्य फैसले किये गये उनमें 2019-23 के पांच साल के लिये भविष्य का दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) भी शामिल है।
अधिकारी ने कहा, जैसा हमने फैसला किया है, भारत इस दौरान सभी प्रारूपों में अधिकतम 309 दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलेगा। यह पिछले पांच साल के चक्र से 92 दिन कम है। उन्होंने कहा, हालांकि घरेलू टेस्ट मैचों की संख्या बढ़ाकर 15 से 19 होगी। ये सभी टेस्ट विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा होंगे।
यह भी पुष्टि हो गयी है कि भारत अभी कोई दिन रात्रि टेस्ट मैच नहीं खेलेगा क्योंकि ये मैच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा नहीं होंगे। अधिकारी ने कहा, आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के सभी मैच दिन में और लाल गेंद से खेले जाएंगे। ऐसी स्थिति में गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच खेलने का कोई मतलब नहीं बनता है।