पिछले कुछ दिनों से इरफान खान की तबीयत खराब होने की चर्चा लगातार बनी हुई है। हाल ही में इरफान खान के खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि इरफान खान को न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर है। बॉम्बे हॉस्पिटल, इन्दौर के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अतुल तापड़िया का कहना है कि यह बीमारी काफी रेयर है लेकिन इसे काफी गंभीर माना जाता है। यह बॉडी के अलग-अलग हिस्सों में हो सकती है। किसी वजह से बॉडी में एंडोक्राइन हॉर्मोन का बैलेंस बिगड़ने के कारण ये ट्यूमर में बदलने लगते हैं। लंबे समय तक ऐसा रहने से न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर की कंडीशन बन जाती है। इसकी टोटल तीन स्टेज होती हैं जिनमें से तीसरी स्टेज काफी सीरियस मानी जाती है। लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज करवा लिया जाए तो इसके खतरे को कम किया जा सकता है। डॉ. अतुल बता रहे हैं न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर की 5 बड़ी वजहों के बारे में।
ये हैं न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर की 5 बड़ी वजहें
फैमिली हिस्ट्री
अगर परिवार में मम्मी-पापा या किसी अन्य व्यक्ति को न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर है तो बच्चों को भी यह बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।
कमजोर इम्यून सिस्टम
अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम (बीमारियों से लड़ने की क्षमता) कमजोर है तो उसे ये बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।
ज्यादा समय धूप में बिताना
जरूरत से ज्यादा समय धूप में बिताने से सूरज की अल्ट्रावायोलेट किरणें बॉडी पर बुरा असर डालती हैं। इससे न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है।
स्मोकिंग
लंबे समय तक स्मोकिंग करने से न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है।
बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के साथ बॉडी में कई तरह के हॉर्मोनल चेंजेस आते हैं। इसकी वजह से यह ट्यूमर 70 की उम्र के आसपास होने की आशंका बढ़ जाती है।