भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और नरेंद्र मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार (छह जुलाई) को कहा कि लोक सेवा आयोग 2016 की परीक्षा में रिकॉर्ड अल्पसंख्यक उम्मीदवारों का चयन हुआ है। नकवी ने दावा किया कि साल 2016 की परीक्षा में अब तक के सर्वाधिक 50 मुस्लिम उम्मीदवार चयनित हुए जो रिकॉर्ड है। नकवी ने इकोनॉमिक्स टाइम्स अखबार से कहा, “इन (अल्पसंख्यक) उम्मीदवार में 50 मुस्लिम हैं। लोक सेवा आयोग 2016 की परीक्षा में कुल 1099 उम्मीदवारों को अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया था। आजादी के बाद ये सर्वाधिक है।” लोक सेवा आयोग की परीक्षा के माध्यम से देश के अतिप्रतिष्ठित नौकिरयों के लिए चयन किया जाता है।
इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) इत्यादि शामिल हैं। मुख्तार अब्बास नकवी ने अकबार से कहा कि इतनी बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक उम्मीदवारों का चयन बताता है कि अल्पसंख्यक समुदाय में प्रतिभा की कमी नहीं है। नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय को बेहतर माहौल और मौका दिए जाने की जरूरत है। नकवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अल्पसंख्यक छात्रों को कोचिंग इत्यादि की सुविधाएं देने का फैसला कर चुकी है।
साल 2016 की परीक्षा में शीर्ष 100 में करीब 10 प्रतिशत सफल उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय के थे। जम्मू-कश्मीर के बिलाल मोहिउद्दीन भट्ट ने 10वीं रैंक के साथ अल्पसंख्यकों में सबसे अव्वल स्थान हासिल किया था। यूपीएससी 2016 परीक्षा में कर्नाटक की केआर नंदिनी ने टॉप किया था। साल 2015 में 38, साल 2014 में 34 और साल 2013 में 30 मुस्लिम उम्मीदवार यूपीएससी की परीक्षा में सफल घोषित किए गए थे।
पूर्व जज राजेंद्र सच्चर के अगुवाई वाले सच्चर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि प्रशासनिक सेवाओं में मुसलमान करीब तीन प्रतिशत ही हैं। वहीं पुलिस सेवाओं में करीब चार प्रतिशत मुसलमानों के होने की बात सच्चर कमेटी ने कही थी। कश्मीर के शाह फैसल साल 2009 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप करने वाले पहले कश्मीरी और दूसरे मुसलमान बने थे। लोक सेवा आयोग 2015 की परीक्षा में कश्मीर के अतहर आमिर-उल-शफी ख़ान दूसरे स्थान पर रहे थे।