आम जनता का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के नेता जब जश्न के लिए जुटते हैं, तो ये नेता शाहखर्ची में राजा-महाराजाओं का भी रिकॉर्ड तोड़ देते हैं। ये मामला केजरीवाल सरकार के एक साल पूरे होने पर दिल्ली में आयोजित की गई एक पार्टी का है। इस पार्टी में एक प्लेट खाने का बिल 12 हज़ार रुपये था। शुंगलू कमेटी ने दिल्ली सरकार की इस कथित फिजुलखर्ची पर सवाल उठाये हैं। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर पिछले साल 12 फरवरी 2016 को सीएम अरविन्द केजरीवाल के घर पर एक पार्टी आयोजित की गई थी। इस विशेष जलसे में शरीक हुए मेहमानों के लिए जो थाली परोसी गई थी उसमें प्रत्येक थाली की कीमत 12 हजार 20 रुपये है। हिन्दी वेबसाइट आजतक के मुताबिक इस समारोह में सरकार के नेता विधायक और मंत्री समेत 30 लोग शामिल हुए थे। और तीस लोगों के खाने का बिल 3 लाख 60 हजार 600 रुपये बना है। इस रकम पर 10 फीसदी की दर से 36 हजार 60 रुपये का सर्विस टैक्स लगाया गया है। कुल मिलाकर 30 लोगों के खाने का ये बिल लगभग 4 लाख रुपये आया है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया है, और केजरीवाल सरकार पर जनता के खजाने से मौज करने का आरोप लगाया है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि पहली बार में तो उन्हें ये यकीन ही नहीं हुआ कि ये रकम 12 हजार है उन्होंने सोचा कि ये रकम मात्र 12 सौ रुपये हैं लेकिन बाद में पता चला कि ये सही है और केजरीवाल सरकार किस तरह से करदताओं का पैसा बर्बाद कर रही है।
हालांकि इस विवाद के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी बैकफुट पर है और इसे बेबुनियाद बताया है, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बिल भेजने वाले वेंडर के खिलाफ जांच के आदेश दे दिये हैं। नगर निगम चुनाव के दौरान ये AAP का ये शाही खाना लोगों की जुबान पर है। लोगों का कहना है कि ऐसी शाही दावत तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की पार्टियों में भी नहीं दिये जाते हैं।