‘गुरुजाम’। जाम की चपेट में आया गुरुग्राम याद है। या भूल गए। अरे, बीते साल की ही बात है। भयंकर जाम लगा था। इसका झाम राष्ट्रीय सुर्खियों में छाया था। जाम नहीं झाम कहलाया था। यातायात मानो ठप्प हो गया था। जीवन अस्त व्यस्त सा हुआ। लोग न तो दफ्तर पहुंच पाए और न ही घर लौट पाए। आलम कुछ ऐसा था कि वे जाम के झाम का शिकार हुए। बारिश से शहर की प्रमुख सड़कों के साथ हीरो हॉन्डा चौक, दिल्ली-जयपुर हाईवे, राष्ट्रीय राजमार्ग-8 (पहले एनएच-24) और सोहना रोड पर जबरदस्त जाम लगा था।
आलम यह था कि नाइट शिफ्ट करने वाले दफ्तर नहीं पहुंच सके थे। शाम को दफ्तर से घर के लिए निकले लोग भी अपने गंतव्य नहीं पहुंच पाए थे। लेकिन वह जाम तो महज ट्रेलर था। पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त। जी हां, अगर इतिहास के सबसे बदतर ट्रैफिक जाम को देखें, तो वे जाम नहीं, सामान्य जनजीवन के लिए झाम के बराबर है। यहां तक कि कई जगह तो जाम ने कई लोगं की जिंदगियां लील लीं। घर से दफ्तर के लिए निकले लोग न तो अपने गंतव्य पहुंच सके। बीच में लौटने का फैसला किया, तो वापस भी न आ सके। नजर डालिए कुछ ऐसे ही दुनिया के वाहियात जाम से।
# इंडोनेशिया में ब्रेब्स नाम की जगह है। साल 2016 में यहां जाम लगा। 12 मील लंबा। यानी कि 20 किलोमीटर की दूरी तक वाहन फंसे रहे। चौंकाने वाली बात यह है कि जाम तीन दिनों तक लगा रहा। दावा किया गया कि जाम में फंस रहने के दौरान आए हर्ट अटैक से 12 लोगों की जानें चली गईं। जाम का कारण था ईद की छुट्टियों से लौटने वाले हजारों लोग माने जए, जो ब्रेब्स में मुख्य हाईवे पर फंस गए थे।
# ब्राजील का साओ पाउलो भयंकर जाम लगने के लिए बदनाम है। यहां 2013 में वीकेंड से पहले सबसे लंबा जाम लगा था, जो 192 मील (309 किलोमीटर) लंबा था।
# साल था 1969। अगस्त की बात है। न्यू यॉर्क में बीथल नाम की जगह है। वहां अमेरिकी किसान मैक्स यास्गर का फार्म था। यहीं वुडस्टॉक फेस्टिवल होना था। उम्मीद जताई गई थी कि 50 हजार लोग आएंगे, मगर पांच लाख लोग वहां पहुंचे। अधिक भीड़ होने से न्यू यॉर्क में तीन दिनों तक जाम रहा। बताया जाता है कि तब 20 मील (32 किलोमीटर) तक जाम लगा था। कार्यक्रम में आमंत्रित कलाकारों को हेलीकॉप्टर से वेन्यू पर पहुंचाया गया था।
#चीन के बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस पर अगस्त 2010 में 62 मील (100 किलोमीटर) लंबा जाम लगा, जिसने 12 दिनों तक के लिए लोगों का जीना मुहाल कर दिया था।
#अप्रैल 1990 में बर्लिन की दीवार गिरने वाले कांड के बाद तमाम जर्मनी के लोगों ने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ दूसरी तरफ एकजुट होना चाहा। नतीजतन एक समय पर सड़कों पर तकरीबन 18 मिलियन गाड़ियां आ गईं। जबकि उनकी क्षमता पांच लाख गाड़ियों के लिए ही बनी थी। जाम 30 मील (48 किलोमीटर) लंबा था।