आज विश्वकर्मा दिवस है। इस दिन हिंदू धर्म के दिव्य वास्तुकार कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन 17 सितंबर को मनाई जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। इसके चलते आज देश भर में लोग उद्योगों, फेक्ट्रियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान विश्वकर्मा का जन्म आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को हुआ था। रविवार के दिन ही विश्वकर्मा पूजा का संयोग शुभ फलदायी माना जाता है। इस दिन को भद्र संक्रांति और कन्या संक्रांति भी कहा जाता है।
शुभ मुहूर्त
पंचांग को ध्यान में रख कर बात करें तो इस पूजन का शुभ मुहूर्त आज दोपहर 12:54 बजे तक ही है। अगर आप यह पूजा इस समय के अंतराल में करते हैं तो पूजा सफल और शुभकारी होगी।
ऐसे करें पूजन
इस पूजन को आरंभ करने के लिए सबसे पहले भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा की स्थापना की जाती है। इसलिए सबसे पहले स्नान करें और मूर्ति स्थापित करें। कई लोग आज कर अपने व्यवसाय से जुड़े पुर्जों को भी पूजा स्थान पर रखते हैं।
कुछ देर भगवान विष्णु का ध्यान करें। अपने दाहिने हाथ में फूल, अक्षत लेकर मंत्र पढ़े। इसके बाद अक्षत को चारों ओर छिड़के दें और फूल को जल में छोड़ दें। हाथ में मौली या कलावा बांधे। साफ जमीन पर अष्टदल कमल बनाए और उस पर जल डालें। इसके बाद पंचपल्लव, सुपारी, सप्त मृन्तिका, दक्षिणा कलश में डालकर कपड़े से कलश की तरफ अक्षत चढ़ाएं। एक पात्र में थोड़े चावल भी रखें। वहीं इस पात्र को विश्वकर्मा बाबा की मूर्ति के आगे समर्पित करें। पूजा करने के बाद अपने व्यवसाय से जुड़े औजारों और यंत्रों को आगे रख जल, रोली, अक्षत, फूल और मिठाई से उनकी पूजा करें। वहीं शुद्धी करण करने के लिए हवन की शुरुआत करें।