आपने बचपन में कई राजा-रानी की कहानी पढ़ी और सुनी होंगी। लेकिन क्या कभी किसी राजा और उसके कुत्तों की कहानी सुनी है? नहीं तो कोई बात नहीं आज हम बताते हैं। सभी जानते हैं सन् 1947 में देश के आजाद होने से पहले पूरा भारत सैकड़ों छोटी-बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था, जिन पर राजाओं-महाराजाओं का राज था। शाही खानदान के इन राजाओं के पास पहले से ही सबकुछ मौजूद था। आलीशान लाइफ जीने वाले इन राजा-महाराजाओं के कई ऐसे शौक थे जिनके बारे में शायद हम कल्पना भी नहीं कर सकते। आज हम ऐसे ही एक राजा के अनोखे शौक के बारे में बता रहे हैं जिसे कुत्तों से बेहद प्यार था।
आज हम बात कर रहे हैं जूनागढ़ के नवाब महबत खान रसूल खान की जिन्हें कुत्तों से बहुत प्यार था। कहा जाता है कि जूनागढ़ के नवाब के पास 800 से भी ज्यादा कुत्ते थे जिनकी देखभाल के लिए अलग से एक-एक व्यक्ति रखा गया था। 800 से ज्यादा इन सभी कुत्तों की देखभाल करने के लिए होने वाला सारा खर्च राजकोष से ही दिया जाता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि कुत्तों को पालने के साथ-साथ नवाब महबत खान रसूल खान को इन कुत्तों की शादी करवाने का भी अनोखा शौक था। यहां तक कि एक बार उन्होंने एक ऐसी ही शादी में भारत के वायसराय रहे लॉर्ड इरविन को भी इनवाइट किया था। लेकिन इरविन ने विनम्रता से इस शादी समारोह में आने से इंकार कर दिया था।
शादी के लिए मादा कुत्ते को शैम्पू और इत्र लगाकर खूबसूरती से तैयार किया गया था। उसे महंगे गहने पहनाए जाते थे। सोने के कंगन और नेकलेस पहने उसे 250 कुत्तों के ब्रोकेड, एक सैन्य बैंड और गार्ड ऑफ ऑनर से रेलवे स्टेशन से चांदी की पाल्की में मंडप तक लाया जाता था। उस दौर में इस शादी पर 22,000 रुपए खर्च किए गए थे, जो आज की एक बहुत बड़ी राशि 2.25 करोड़ रुपए है।
वैसे तो आज भी कई लोग अपने पेट्स की शादी करते हैं। लेकिन आप अंदाजा लगाइए की यह नवाब 800 से ज्यादा पेट्स की शादी करता था और वो भी शाही अंदाज में। इन कुत्तों की शादी के लिए नवाब लाखों रुपए खर्च करता था, आस-पास के राज्यों से बड़े-बड़े लोगों समेत बाकी राजाओं को भी इन शाही शादियों के लिए इनवाइट किया जाता था। साथ ही कहा जाता था जब भी इन कुत्तों की शादी होती थी उस दिन राज्य में छुट्टी रहती थी। जूनागढ़ के इस नवाब का यह अनोखा शौक कुछ लोगों को किसी सनक या पागलपन से कम नहीं लगता। तो वहीं कुछ लोग इस नवाब को सबसे बड़ा पेट लवर मानते मानते हैं।