भारत ने शुक्रवार को स्वदेशी परमाणु मिसाइल पृथवी 2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। आर्मी द्वारा इसका परीक्षण ओडिशा में किया गया। एएनआई के अनुसार यह परीक्षण चांदीपुर रेंज से सुबह 10 बजकर 56 मिनट पर किया गया। यह पृथ्वी 2 मिसाइल सतह से सतह पर मार देने में सक्षम है। इसकी स्ट्राइक रेंज 350 किलोमीटर है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि युद्ध के दौरान पृथ्वी 2 मिसाइल 500 किलोग्राम से लेकर 1000 किलोग्राम तक के हथियार आसानी से ले जा सकती है। इस मिसाइल को 2003 में सशस्त्र बल में शामिल किया गया था। इसकी लंबाई 9 मीटर है।
इस मिसाइल को तैयार करने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पहली ऐसी मिसाइल है जिसे भारत के प्रतिष्ठित इंटिग्रेटिड गाइडिड मिसाइल डेवेलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार किया गया है। इस मिसाइल के अंदर आधुनिक निष्क्रिय मार्गदर्शन सिस्टम लगाया गया है जो कि बिलकुल सटीक निशाने पर अपने टारगेट पर हमला कर सकती है। इस मिसाइल में दो इंजन हैं। पृथ्वी 2 मिसाइल को प्रोडक्शन स्टॉक से रैंडमली सलेक्ट किया गया था। सूत्रों ने बताया कि दागी गई मिसाइल को डीआरडीओ के राडार के माध्यम से ट्रेस किया गया। ओड़ीसा के द्वीप पर इलैक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेंट्री स्टेशन मौजूद हैं।
इससे पहले भारतीय सेना ने 18 अप्रैल, 2016 में ‘पृथ्वी-2’ का सफल परीक्षण किया था। उस समय दो परीक्षण किए जाने थे, जिनमें से एक कामयाब रहा था और लेकिन अन्य किसी तकनीकी खामी के चलते नहीं किया गया था। इसके बाद सेना ने 19 नवंबर, 2016 में भी पृथ्वी मिसाइल का दोहरा सफल परीक्षण किया था। एक रक्षा वैज्ञानिक ने बताया कि इन मिसाइलों को उत्पादन भंडार से चुनिंदा आधार पर चुना गया था। अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों की निगरानी में विशेष रूप से गठित सामरिक बल कमान (एएफसी) ने प्रक्षेपण की संपूर्ण गतिविधियां की गईं। आपको बता दें कि इस तरह का एक परीक्षण 12 अक्टूबर, 2009 में भी किया गया था, जो कि सफल रहा था।