सरकारी का कहना है कि अगर कोई बंदूक उठाएगा तो उसे बंदूक की भाषा से ही समाझाया जाएगा। सरकारी सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कश्मीर मामले को लेकर अब कतई भी नरम रुख नहीं अपनाया जाएगा। घाटी में ज्यादा ही विद्रोह बढ़ गया जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह बात सेना द्वारा हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर सब्ज़ार भट्ट के मारे जाने के बाद कही गई। भट्ट की मौत के बाद घाटी में तनाव और ज्यादा बढ़ गया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार घाटी में बढ़ते तनाव को देखते हुए कतई भी इस मूड में नहीं है कि प्रदर्शनकारियों और पत्थरबाजों से बातचीत कर तनाव को दूर किया जाए।
कितनी बार पत्थरबाजों से बात की जाएगी। पत्थरबारों के साथ सिविल सोसाइटी के सदस्यों की तरह बर्ताव नहीं किया जा सकता, अब उन्हें उन्हीं की भाषा में समझाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से आए दिन सीज़फायर का उल्लंघन करता है। पाक को कई बार बातचीच कर समझाया गया लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है। सैनिकों के साथ होती बर्बता किसी भी सुरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पाकिस्तान के साथ अब बातचीत की कोई जगह नहीं है। जब पीएम नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को आमंत्रित किया गया था, भारत चाहता था कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बने लेकिन पाकिस्तान ने हमारे साथ धोखा किया है। अब किसी भी हाल में पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
वहीं घाटी में बढ़ते तनाव पर आर्मी चीफ बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि कश्मीरी युवा पत्थरबाजी करते हैं, मैं चाहता हूं कि वे हमपर गोलियां चलाएं। इससे मुझे काफी खुशी होगी क्योंकि तब उन्हें मैं अपने तरीके से सही ढंग से जवाब दे पाउंगा। पत्थरबाजों द्वारा गोली चलाने पर मुझे मौका मिल जाएगा वह करने का जो मैं करना चाहता हूं। यह बात बिपिन रावत ने पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में कही। रावत ने कहा कि लोग जवानों पर पेट्रोल बम फेंकते और तब मेरे जवान मुझसे पूछते हैं कि हम क्या करें। क्या मुझे उनसे यह कह देना चाहिए कि बस इंतजार करो और मर जाओ। बहुत ही अक्रामक होकर रावत ने कहा कि मैं तुम्हारे लिए एक कोफिन लेकर आउंगा और उसमें तुम्हारे पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय झंडे समेत सम्मान के साथ तुम्हारे घर भेज दूंगा। हमारे हाथ बंधे हैं लेकिन गोलियां चली तो गोलियों का जवाब गोली से ही दिया जाएगा।