अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले से चोरी हुई 12वीं शताब्दी की मूर्ति को दिल्ली में बेचने आए एक तिब्बती दंपति को अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान 29 साल के गवांग त्सुंडू और 26 साल की महिला एमएस लोबसंग गेकी शेरपा के रूप में हुई है। पुलिस की टीम ने मंजनू का टीला इलाके से इन्हें गिरफ्तार किया है। आरोपी प्राचीन मूर्ति को 1.40 करोड़ रुपए में बेचने के लिए एक ग्राहक के संपर्क में थे और अगर दिल्ली में मूर्ति नहीं बिकती तो उनकी दूसरी योजना तिब्बत जाकर मूर्ति बेचने की थी। मूर्ति की अंतरराष्टÑीय बाजार में कीमत करीब 20 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
शाखा के उपायुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि 31 मई को अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के संगयेलिंग गोम्पा निवासी चीपा के घर से बौध धर्म में पूजनीय मूर्ति चोरी हुई थी। क्राइम ब्रांच को खुफिया सूचना मिली कि आरोपी मूर्ति बेचने के लिए दिल्ली आया है। उसने मूर्ति बेचने के लिए कुछ लोगों से संपर्क भी किया है। जांच शुरू की तो पता चला कि मूर्ति चोरी करने वाला आरोपी मूर्ति के साथ गुरुद्वारा मंजनू का टीला के पास आठ बजे पहुंचने वाला है। सूचना पर टीम ने पूरे इलाके की घेराबंदी की और सोमवार सुबह साढ़े दस बजे के करीब आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। दोनों की तलाशी लेने पर उनके पास से मिले एक बैग से मूर्ति बरामद की।