Saubhagya Yojana: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में अब तक बिजली की सुविधा से वंचित 4 करोड़ गरीब परिवारों को 2018 तक मुफ्त बिजली कनेक्शन देने प्रदान करने की प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना सौभाग्य योजना का शुभारंभ किया जिस पर 16,320 करोड़ रूपये की लागत आएग । इस योजना के तहत हर घर को 5 एलईडी बल्ब, एक पंखा और एक बैटरी देने की योजना है। बिजली के इन उपकरणों की मरम्मत भी 5 सालों तक सरकार अपने खर्च पर करवाएगी। सरकार ने इस स्कीम के लिए फिलहाल 12 हजार 320 करोड़ रुपये बजटीय आवंटन किया है। केन्द्र सरकार की योजना जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुंची है वहां के घरों को भी रौशन करने की है। इसके लिए इन इलाकों के घरों को केन्द्र सरकार की ओर से बैट्री समेत 200 से 300 WP का सोलर पावर पैक दिया जाएगा, जिसमें बैट्री, 5 एलईडी बल्ब, एक डीसी पंखा, एक डीसी पावर प्लग होगा। सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिए 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना को आधार माना जाएगा। जो लोग इस जनगणना में शामिल नहीं हैं, उन्हें 500 रुपये में कनेक्शन दिया जाएगा। 500 रुपये भी दस किश्तों में वसूला जाएगा। इस स्कीम का फायदा गांव के साथ साथ शहर के लोगों को भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना को पेश करते हुए कहा, ‘‘ यह 16,000 करोड़ रूपये गरीबों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने में खर्च किये जायेंगे । यह राशि गरीबों के जीवन में उजाला लाने के लिये खर्च होंगे । ’’ मोदी ने खेद प्रकट किया कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी हमारे देश में 4 करोड़ घर ऐसे हैं जहां बिजली नहीं है। देश में 25 करोड़ घर है और इसमें से 4 करोड़ घरों यानि करीब 25 प्रतिशत घर में बिजली नहीं है। वे 18वीं शताब्दी में गुजारा कर रहे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि उनकी जिंदगी कैसी होगी । बिजली के अभाव में सुख सुविधाएं तो छोड़िये, महिलाओं पर उजाले में ही काम खत्म करने का दबाव रहता है और घर से निकलने में भी समस्या होती थी । सौभाग्य योजना के तहत सरकार ऐसे ही घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ेगी । गरीब को बिजली कनेक्शन के लिये चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, उन्हें घर पर मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान किया जायेगा ।
सौभाग्य योजना के तहत दिसंबर 2018 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत दिसंबर 2018 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी घरों को बिजली पहुंचाने के लिये प्री-पेड मॉडल अपनाया जाएगा। ये योजना फिलहाल बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर के राज्य और राजस्थान लागू की गई है। सौभाग्य योजना के लिए केंद्र सरकार से 60 फीसदी अनुदान राज्यों को मिलेगा जबकि राज्य अपने फंड से 10 फीसदी रकम खर्च करेंगे और शेष 30 फीसदी राशि बैंकों से बतौर ऋण लेने होंगे। विशेष राज्यों के लिए केंद्र सरकार योजना का 85 फीसदी अनुदान देगी जबकि उसे अपने मद से मात्र 5 फीसदी लगाने होंगे और बैंकों से सिर्फ 10 फीसदी ही कर्ज लेने होंगे।
बिजली मंत्री आर के सिंह ने योजना के बारे में बताया कि इसके तहत दिसंबर 2018 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी घरों को बिजली पहुंचाने के लिये प्री-पेड मॉडल अपनाया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि जिस गांव में अब तक बिजली नहीं पहुंची है, वहां तय समय से पहले दिसंबर 2017 तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।बिजली मंत्रालय के गर्व पोर्टल के अनुसार सरकार ने बिजली से वंचित 18,452 गांवों को बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। इसमें से 14,483 गांवों को बिजली पहुंचा दी गयी है जबकि 2981 में अभी बिजली पहुंचायी जानी है। वहीं 988 गांव ऐसे हैं जहां कोई नहीं रहता।