Sunday, November 26, 2023
featuredदेश

नरेन्द्र मोदी सरकार के नये कानून के पीछे है इस एनिमल एक्टिविस्ट का चेहरा

SI News Today

देश में बीफ बैन पर एक बार फिर से नये सिरे से बहस हो रही है। केन्द्र सरकार द्वारा बाजार से वध के लिए पशुओं की खरीद पर रोक लगाने के बाद ये चर्चा और भी बढ़ गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोदी सरकार के इस नये नियम को लागू करवाने के लिए एक महिला एनिमल एक्टिविस्ट कई सालों से सक्रिय थीं। गौरी मौलेखी नाम की ये महिला एक्टिविस्ट पीपुल्स फॉर एनिमल्स नाम की एक संस्था से जुड़ी हैं। गौरी मौलेखी केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी की सलाहकार भी हैं। इन्होंने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डालकर कहा था कि देश में जानवरों की तस्करी हो रही है और इन्हें मंडियों से गैरकानूनी तरीके से खरीद कर सीमा पार भेजा जा रहा है। गौरी मौलेखी की इसी याचिका के बाद केन्द्र सरकार ने पिछले सप्ताह अधिसूचना जारी कर बाजार से वध के लिए जानवरों की खरीद पर रोक लगा दी है।

अंग्रेजी वेबसाइट रेडिफ डॉट कॉम से बातचीत में गौरी मौलेखी ने कहा कि इस नये कानून का मकसद लोगों के बीफ या मांस खाने-पीने की आदतों पर रोक लगाना नहीं है, बल्कि जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को रोकना है। गौरी मौलेखी का कहना है कि वे मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में ये उनका पिटीशन था लेकिन मद्रास हाई कोर्ट के फैसले में उन्हें रिस्पॉन्डेंट नहीं बनाया गया है। गौरी मौलेखी से जब ये पूछा गया कि क्या नये कानून की वजह से जानवरों का वध बंद हो जाएगा, तो उन्होंने ऐसी धारणा को गलत बताया। एनिमल एक्टिविस्ट गौरी मौलेखी का कहना है कि अगर आप कानून पढ़ेंगे तो इसमें कहीं नहीं लिखा गया है कि आप जानवर काट नहीं सकते हैं। गौरी मौलेखी के मुताबिक नया कानून कहता है कि आप बाजार या मंडियों से जानवरों की खरीद सिर्फ खेती या वैध कामों के लिए कर सकते हैं। अगर किसी को जानवर का मांस खाना है तो उसे जानवर सीधा किसान या उसके मालिक से खरीदना पड़ेगा, और ये स्टैंडर्ड प्रैक्टिस पूरी दुनिया में अपनाया जाता है।

गौरी मौलेखी का कहना है कि देश की पशु मंडियां जानवरों के लिए मौत की मंडियां बन गई हैं। यहां से जानवरों को अवैध तरीके से खरीदा जाता है फिर उसे दूसरे देशों में भी बेचा जाता है। गौरी के मुताबिक मंडियों के दलाल किसानों से जानवर खरीदते हैं और फिर तस्करों को ऊंचे दाम पर बेचते हैं। गौरी मौलेखी ने आगे बताया कि जानवरों की तस्करी के जरिये भारत में आतंकी गतिविधियों की भी फंडिंग की जाती है। गौरी मौलेखी के मुताबिक असम में पकड़े गये हरकत उल- जिहाद-अल-इस्लाम के आतंकियों ने ये बात कबूला था कि उन्हें जानवरों की स्मगलिंग से पैसा मिलता है।

SI News Today

Leave a Reply