Monday, February 10, 2025
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पांच नक्सलियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई

SI News Today

मुंगेर की जिला अदालत ने पांच नक्सली को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। यह ऐतिहिसिक फैसला एडीजे प्रथम ज्योति स्वरुप श्रीवास्तव ने सुनाया है। 22 मई को रत्तू कोड़ा, अधिक लाल पंडित, विपिन मंडल, बानो कोड़ा और मन्नू कोड़ा को सुनवाई के बाद दोषी ठहराया था। जिसकी सजा गुरूवार शाम तय की गई। जिसमें सवा लाख रूपए जुर्माना भी लगाया गया है।

मालुम रहे कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान मुंगेर – जमुई रास्ते से तीन फीट दूर नक्सलियों ने लैंडमाइंस विस्फोट किया था। और फिर पुलिस से हुई मुठभेड़ में 131 बटालियन के दो सीआरपीएफ जवान रविंद्र कुमार राय और सोने गौर शहीद हो गए थे। ये शहीद जवान बिहार के छपरा और बेंगलुरु के रहने वाले थे। 10 जवान जख्मी भी हुए थे।

नक्सलियों ने मुठभेड़ के दौरान माओवादी जिंदाबाद का नारा लगाया था। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में ये गंगटा जंगल की ओर आपस में एक दूसरे का नाम पुकारते हुए फरार हो गए थे। इसी आधार पर मुंगेर के गंगटा पुलिस आउटपोस्ट में 16 जनों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। 29 अक्तूबर 2014 को इनमें से एक नक्सली अधिक लाल पंडित हवेली खड़गपुर के पहाड़वीत गांव से और दूसरा रत्तू कोड़ा जमुई लक्ष्मीपुर के चौकियां गांव से पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इन दोनों ने मुठभेड़ के वाकए में खुद के शरीक होने की बात कबूली और तीन दूसरे के भी नाम बताए। इनकी निशानदेही पर हवेलीखड़गपुर के विपिन मंडल, लक्खीसराय के कजरा बरामशिया गांव के बानो कोड़ा और मन्नू कोड़ा को पुलिस ने दबोचा था।

हालांकि अन्य नामजद को पुलिस अबतक नहीं ढूंढ पाई है। जिनमें प्रवेश उर्फ़ अनुज दा, गोपाल दास, बबलू दास, सिध्दु कोड़ा, बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, बाबूलाल यादव, पूना कोड़ा, पिंटू राणा, अनिल कोड़ा, फूलचंद कोड़ा बगैरह प्रमुख है। इनके खिलाफ सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट गुंजन कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई थी। सजा सुनाने के बाद पांचों को पुलिस सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।

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