सीबीआई ने पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के खिलाफ वन भूमि से संबंधित एक मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उनके परिसरों में तलाशी ली। मामला जयंती द्वारा उनके कार्यकाल में नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन के लिए वन विभाग की जमीन की स्थिति बदलने की खातिर मंजूरी देने से संबंधित है। एजेंसी ने जयंती, इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड (ईसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक उमंग केजरीवाल और कंपनी के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मामला 2012 में वन संरक्षण अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन कंपनी इलेक्ट्रोस्टील को झारखंड के सिंहभूम जिले के सारंदा वन के वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी देने से संबंधित है। केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी लेकिन जयंती ने पद संभालने के बाद कथित रूप से उसे मंजूरी दे दी।
सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया, ‘‘तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयंती नटराजन ने ईसीएल को गैर वन्य इस्तेमाल के लिए 55.79 हेक्टेयर वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी दी, जबकि उनके पूर्ववर्ती राज्य मंत्री ने मंजूरी खारिज कर दी थी और इसके बाद परिस्थितियों में कोई बदलाव ना होने के बावजूद मंजूरी दी गयी।’’ एजेंसी ने कहा कि वन महानिदेशक के सुझाव और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन किए बिना मंजूरी दी गयी। सीबीआई की तरफ से इस मामले में दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, रांची ओर ओडिशा के सुंदरगढ़ में छापेमारी की जा रही है। जयंती ने जनवरी 2015 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए पार्टी छोड़ दी थी।