केंद्र सरकार ने सरकारी किशोर सुधार गृह को बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और कारगर बनाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकारी बाल सुधान गृह में सभी वर्करों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी बच्चे को न तो किस करेंगे न ही उन्हें गले लगाएंगे। महिला एंव बाल विकास मंत्रालय की तरफ से जारी की गई नई आचार संहिता में यह निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी स्टाफ मेम्बर बच्चों के साथ न तो सोएगा, न ही उन्हें किसी तरह की सजा देंगे। इसके अलावा उनके(बच्चों) साथ अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करने और उनके साथ मारपीट नहीं करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
निर्देश दिए गए हैं कि न ही बच्चों के साथ खराब व्यवहार या खराब भाषा में बात की जाए और न ही बच्चों के साथ मारपीट की जाए। “कानूनी मामलों में फंसे बच्चों के लिए संस्थानों में रहने की स्थिति” नाम की एक मैनुअल में ये दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें बीते फरवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में जरूरी फैसला दिया था। कोर्ट ने सभी सरकारी बाल सुधार गृह के लिए एक “क्या करें और क्या नहीं” की सूची जारी करने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने सभी स्टाफ मेंबर्स को यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि वे बच्चों के साथ खुलेपन से बातचीत करने का माहौल बनाया जाए। वहीं बच्चों के साथ ज्यादा इंटरैक्शन करने को भी कहा गया था।
मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार मैनुअल में सभी कर्मचारियों से कहा गया है कि खुला माहौल बनाया जाए ताकि बच्चों के बीच संवाद अच्छा हो। इसमें कर्मियों से अनुरोध किया गया है कि समावेशी रूख रखें और बच्चों को लिंग, विकलांगता, जाति या धर्म के आधार पर अलग नहीं करें।