देशभर में अपना परचम लहराने के उद्देश्य से आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बलबूते पर भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण भारत में भी विस्तार करना शुरू कर दिया है। पार्टी सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ‘मिशन साउथ’ का ब्लूप्रिंट पार्टी नेताओं को सौंपा है। इसके जरिए भाजपा की नजर दक्षिण के पांच राज्यों- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक की राजनीति में अपनी पकड़ बनाना चाहती है।
एक सीनियर भाजपा नेता ने कहा, “इन राज्यों में आरएसएस ने एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर लिया है, जो भाजपा के लिए एक प्लेटफॉर्म की तरह काम करेगा।” भाजपा के मिशन साउथ की पहली परीक्षा इस साल कर्नाटक में होने वाले चुनावों में होगी। पार्टी के साउथ मिशन के लिए अन्य पार्टियों के स्थापित नेताओं को अपने खेमे में लाना, दूसरे राज्यों से अपने नेताओं को लाना और लोकप्रिय फिल्म सितारों को शामिल करना व स्थानीय पार्टियों को तोड़ना भी बेहद जरूरी है।
तमिलनाडु व कर्नाटक में भाजपा महासचिव पी मुरलीधर राव ने कहा, “तमिलनाडु में स्थिति प्रवाही है। हालांकि आतंरिक लड़ाई ने AIADMK को कमजोर कर दिया है, लेकिन DMK इसका फायदा उठाने की स्थिति में नहीं है। क्योंकिराज्य की जनता जयललिता और करुणानिधि की सरकार में ठगा महसूस कर चुकी है। ऐसे में वो लोग फिर से भ्रष्टाचारियों को सत्ता में नहीं देखना चाहते। जनता इनसे छुटकारा चाहती है। एमके स्टालिन भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा रहे हैं।” भाजपा का मानना है कि फिलहाल कांग्रेस मजबूत स्थिति में नहीं है ऐसे में भाजपा ही इकलौता विकल्प रह जाती है। हालांकि कहने से ज्यादा मुश्किल करना है। यह बात भी ध्यान में रखी जाए कि एनडीए को राष्ट्रपति चुनावों में AIADMK के सपोर्ट की जरूरत पड़ेगी।
भाजपा नेताओं का मानना है कि पॉपुलर फिल्मी सितारों को पार्टी के साथ जोड़ने का काफी फायदा होगा। हालांकि रजनीकांत को पार्टी में शामिल करने का अभी तक कुछ खासा फर्क नहीं पड़ा है। सूत्रों ने कहा कि विशाल और विजय जैसे एक्टर्स को साथ लाया जा सकता है। एक भाजपा नेता ने कहा, “लीडरशिप पोजिशन में एक पॉपुलर स्टार के होने से स्थिति खुद ही बदल जाती है। इन दोनों में से किसी एक को साथ ला सकते हैं।”