पाकिस्तानी की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी बख्तावर भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार (12 मई) को रमजान में पानी पीने पर सजा देने और आतंकवादियों के खुलेआम घूमने को पाखंड बताया है। बख्तावर भुट्टो-जरदारी ने ट्वीट किया, “ये इस्लाम नहीं है।” बख्तावर भुट्टे बेनजीर और आसिफ की तीन संतानों में एक हैं। उनके भाई बिलावट भुट्टो पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं। बख्तावर ने एहतराम-ए-रमजान कानून को हास्यास्पद बताया। पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक द्वारा 1981 में लागू किए गए गए इस कानून के अनुसार रमजान में सार्वजनिक रूप से खाने-पीने पर तीन महीने जेल तक की सजा हो सकती है। पाकिस्तान सरकार ने पिछले हफ्ते इस कानून को और कड़ा बनाते हुए इसमें आर्थिक दंड का भी प्रावधान लागू कर दिया।
बख्तावर भुट्टो ने ट्वीट किया, “रमजान में पानी पीने के लिए तीन महीने की जेल लेकिन एक आतंकवादी स्कूली लड़की मलाला पर जानलेवा हमला कर सकता है और टीवी पर मुस्कराता हुए दिख सकता है।” बख्तावर इस बात की तरफ संकेत कर रही थीं कि पाकिस्तान में मलाला यूसुफजई को गोली मारने के आरोप में किसी को भी सजा नहीं हुई है। रमजान में मुसलमान रोजा रखते हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते-पीते।
पाकिस्तान सरकार ने 1981 के कानून में बदलाव करते हुए रमजान के दौरान खुलेआम नशा करने या खाने-पीने पर 500 पाकिस्तानी रुपये जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया है। नए कानून में रमजान के दौरान इस कानून को तोड़ने वाले होटलों और रेस्तरां पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया। नए कानून के अनुसार इस कानून को तोड़ने वाले टीवी चैनलों और सिनेमा हॉलों पर 50 हजार रुपये या उससे भी अधिक जुर्माना लगाया जा सकता है।
बख्तावर भुट्टो ने एक अन्य ट्वीट में बच्चों और बुजुर्गों को रमजान में रोजा न रहने पर गिरफ्तार करने को अमानवीय बताया। बख्तावर ने कहा कि रोजा रखना इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धांतों में एक है लेकिन ऐसा कहां लिखा है कि ऐसा न करने वाले को गिरफ्तार किया जाए।