सरहद पार से आतंकियों के घुसपैठ की वारदातों के बीच रविवार को सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक आतंकी को पकड़ा। आतंकी का नाम नसीर अहमद बताया जा रहा है और उसकी उम्र 35 साल है। आंतकी को सशस्त्र सीमा बल के जवानों द्वारा उस समय पकड़ गया जब वह नेपाल से भारत में घुसने (घुसपैठ) का प्रयास कर रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक नसीर अहमद नाम का यह आतंकी हिजबुल का सक्रिय सदस्य था और साल 2003 से पाकिस्तान में रह रहा था।
एएनआई के मुताबिक नसीर अहमद उर्फ सादिक नाम के इस आंतकी को जम्मू-कश्मीर के बनीहाल में सक्रिया आतंकियों द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। वह रामबन जिले में 2002 में हुई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। साल 2003 में पाकिस्तान चला गया था और हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया था। नवंबर 2003 से जनवरी 2004 उसे हिजबुल मुजाहिद्दीन, आईएसआई तथा पाकिस्तानी आर्मी के द्वारा हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई, ताकि वह भारत के खिलाफ लड़ सके और उसे जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों से लड़ने के लिए तैयार किया गया था। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी को किसी खास मिशन के लिए भेजा गया था।
सादिक को एके-47, एके-56, एसएलआर, रॉकेट लॉन्चर, असाल्ट राइफल चलाने तथा ग्रेनेड की ट्रेनिंग दी गई थी। भारत में एक आतंकी मिशन के लिए भेजा गया सादिक अपने साथी मोहम्मद शही के साथ पाकिस्तान से शारजाह होते हुए 10 मई को काठमांडू पहुंचा था। काठमांडू पहुंचने के बाद दोनों को अलग-अलग भेज दिया गया। नसीर अहमद बस से यात्रा करके इंडो-नेपाल बॉर्डर पहुंचा, जहां से वह भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था। वह कश्मीरी शॉल और दरी बेचने वाले के रूप में नेपाल से भारत में घुसने की कोशिश कर रहा था। सुरक्षाबलों से जब उससे अपनी पहचान बताने के बारे में पूछा तो वह दस्तावेज दिखाने में असमर्थ रहा। आतंकी के कब्जे से एक पाकिस्तानी पासपोर्ट और आईडी प्रूफ बरामद किया गया है।
बता दें कि सरहद पार से आतंकियों की घुसपैठ को रोकना सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसे देखते हुए जम्मू-कश्मीर में पड़ने वाली भारत और पाकिस्तान की 198 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जल्द ही अत्याधुनिक तकनीकी ‘इन्फ्रारेड वॉल’ की मदद से घुसपैठियों पर नजर रखने की तैयारी चल रही है। इस तकनीक से भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की नजदीकी पोस्ट को तुरंत ही किसी भी तरह के घुसपैठ की सूचना मिल जाएगी। कवच (केवीएक्स) नाम की यह अत्याधुनिक इनफ्रामेड सुरक्षा दीवार एक भारतीय आईओटी कंपनी सीआरओएन ने बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार यह कवच पुराने लेजर दीवार से बहुत ज्यादा कारगर होगा।