कपूरथला की रेलवे फैक्ट्री में तेजस एक्सप्रेस का पहला रैक बनकर तैयार हो गया है. सबसे जोरदार बात यह है कि यह देश की पहली ऐसी ट्रेन होगी जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए एकदम फिट है. तेजस एक्सप्रेस के हर एक डिब्बे को बनाने में रेलवे को 3 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं. आपको बता दें कि शताब्दी का एक डिब्बा बनाने में रेलवे की लागत ढाई करोड़ की आती है. पिछले साल के बजट में रेलवे ने इस ट्रेन को चलाने की मंशा जाहिर की थी. तेजस एक्सप्रेस देश में चलने वाली पहली ऐसी ट्रेन होगी जिसमें स्वचालित प्लग टाइप दरवाजे लगाए गए हैं. यानि जब ट्रेन चलेगी तो इस के दरवाजे ऑटोमेटिक तरीके से ठीक उसी तरीके से बंद हो जाएंगे जैसे मेट्रो ट्रेन के दरवाजे बंद होते हैं. चलती ट्रेन में ही दरवाजे नहीं खुलेंगे जब ट्रेन रुकेगी तभी यह दरवाजे खुल पाएंगे.
तेजस ट्रेन को एक खास अंदाज देने के लिए विशेष और खूबसूरत दिखने वाले विनाइल से सुसज्जित किया गया है. पूरी ट्रेन पर एक खास तरह का पैटर्न छापा गया है और इसका कलर उगते हुए सूरज की तरह रखा गया है. तेजस ट्रेन का नाम सूर्य की किरणों की तरह तेज रहने के लिए रखा गया है
लगे हैं सीसीटीवी कैमरे, मिलेगा हवाई जहाज जैसा आराम
कपूरथला में तैयार किए गए तेजस एक्सप्रेस के डिब्बे में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं हर एक डिब्बे में 6 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. स्क्रीन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह ट्रेन ओवरनाइट जर्नी के लिए बनाई गई है इसमें सिर्फ और सिर्फ बैठने का ही इंतजाम है. इस ट्रेन में 2 क्लास होंगे. पहला क्लास होगा एग्जीक्यूटिव क्लास. एग्जीक्यूटिव क्लास में कुल मिलाकर 56 लोगों के बैठने का इल्जाम होगा. इसमें टिकट खरीदने वालों को रिक्लाइनर सीटों पर बैठने का आनंद मिलेगा. यह सीटें ठीक उसी तरीके की हैं जैसी किसी हवाई जहाज में बिजनेस क्लास की सीटें होती हैं. इन सीटों के सामने LED डिस्प्ले लगे हुए हैं जिसमें टचस्क्रीन कंट्रोल में और इसी में USB चार्जिंग की सुविधा भी दी गई है. इन स्क्रीन पर तमाम तरीके के मनोरंजक प्रोग्राम देखे जा सकते हैं. डिब्बे के अंदर लेदर के साथ सीटों का डिजाइन किया गया है. एग्जिक्यूटिव क्लास में हर सीट पर गैस स्प्रिंग्स के साथ कंट्रोल होने वाली लेफ्ट सपोर्ट को भी सीटों में दिया गया है.
दूसरा क्लास- एसी चेयर कार
तेजस एक्सप्रेस में दूसरा क्लास होगा सेकंड क्लास एसी चेयरकार. इस डिब्बे में ज्यादा सीटें होंगी एक तरफ तीन सीटें तो दूसरी तरफ दो सीटें रखी गई है. पूरे डिब्बे में 78 सीटों को लगाया गया है. इस क्लास में सीट पर बैठने वाले यात्री को थोड़ा कम जगह मिलेगी. इसके अलावा इस डिब्बे में लगी सीटों में लक सपोर्ट नहीं होगा.
मिलेगा फ्री वाई-फाई, अटेंडेंट कॉल बेल और बहुत कुछ
अब बात करते हैं तेजस ट्रेन की दूसरी सुविधाओं की. तेजस ट्रेन में फ्री वाई-फाई की सुविधा देने का भी इंतजाम किया गया है. खास बात यह है कि तेजस एक्सप्रेस ट्रेन में GPRS की सुविधा के चलते हर यात्री अपने सामने स्क्रीन पर इस बात की जानकारी ले सकता है कि वह कहां पर है और अगले स्टेशन से कितना दूर या पास है. इस ट्रेन में आधुनिक यात्री सूचना प्रणाली लगाई गई है. अटेंडेंट कॉल बेल और बर्थ रीडिंग लाइट की भी व्यवस्था ट्रेन के अंदर की गई है. डिब्बे के अंदर सामान को ऊपर रखने के लिए हवाई जहाज की तरह ही व्यवस्था की गई है.
बदल जाएगा टॉयलेट का एक्सपीरियंस
तेजस की एक सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें स्वचालित प्लग टाइप दरवाजे लगाए गए हैं. भारतीय रेलवे में इस तरह के दरवाजों का पहली बार प्रयोग किया जा रहा है. इसके अलावा इस ट्रेन में बेहतर शौचालय बनाए गए हैं. टॉयलेट के अंदर टचलेस टैप फिटिंग और सोप डिस्पेंसर को लगाया गया है. टॉयलेट के अंदर मार्बल लुक वाली एंटी ग्राफिटी कोटिंग की गई है. इसके अलावा इसमें नई डिजाइन की डस्टबिन और टॉयलेट आकुपेंसी डिस्प्ले भी लगाया गया है.
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन में वैक्यूम बायो टॉयलेट सिस्टम लगाया गया है. इस तरीके के बायो टॉयलेट देश के अंदर अभी तक हवाई जहाजों में लगे हुए हैं. पहली दफा तेजस ट्रेन में इन टॉयलेट को लगाया जा रहा है. इसकी खासियत यह होती है कि एक बार के फ्लश में महज आधा लीटर का पानी ही इस्तेमाल होता है.
दूसरे डिब्बे में जाना होगा और आसान
तेजस एक्सप्रेस में एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाने के लिए इंटर कार गैंगवे मेट्रो ट्रेन की तरह ही सेंड किया गया है. इससे आवाजाही में आसानी रहेगी साथ ही साथ ट्रेन के अंदर बाहर से आने वाली आवाजें कम आ पाएंगीं. ट्रेन के अंदर गंदगी रेत और पानी नहीं घुस पाएगा.
दमदार ब्रेक का होगा इस्तेमाल
कपूरथला कोच फैक्ट्री के सीपीआरओ सुनील कपूर के मुताबिक उनके यहां बनाई गई तेजस एक्सप्रेस देश की पहली ऐसी ट्रेन है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाई जा सकती है. इसके लिए इस ट्रेन के बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम बनाए गए हैं. इमरजेंसी ब्रेकिंग डिस्टेंस को सही तरीके से पाने के लिए इस ट्रेन में इलेक्ट्रो न्यू मैटिक ब्रेक प्रणाली लगाई गई है. ग्रे कास्ट आयरन डिस्क की जगह हर एक एक्सेल में दो स्टील डिस्क लगाई गई है. ब्रेक डिस्क और पैड के तापमान को नियंत्रित करने के लिए कार्बनिक पैड की बजाए सेंटर्ड पैड लगाए गए हैं.
हर डिब्बे में होगी खाना गर्म करने की व्यवस्था
तेजस एक्सप्रेस में पावर कार में अग्निशमन प्रणाली लगाई गई है. हर एक डिब्बे में आग की सूचना देने वाले अलार्म सिस्टम को लगाया गया है और हर जगह अग्निशामक यंत्रों की व्यवस्था की गई है. हर एक डिब्बे में एक मिनी पैंट्री दी गई है जहां पर खाने को गर्म करके रखा जा सकता है.
अभी तीन रूट पर दौड़ेगी तेजस
रेलवे ने पिछले साल ही अपने टाइम टेबल में तीन तेजस ट्रेनों को जगह दी थी. इन तीन तेजस ट्रेनों के बीच में पहली तेजस ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और चंडीगढ़ के बीच में रखी गई थी. यह ट्रेन बुधवार को छोड़कर सप्ताह में 6 दिन चलेगी और इस के रूट में कोई भी कमर्शियल स्टाफ नहीं होगा. दूसरी तेजस ट्रेन लखनऊ और दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन के बीच चलाए जाने की योजना है. इस रूट पर कानपुर पर कमर्शियल स्टॉपेज दिया जाएगा बृहस्पतिवार को छोड़कर यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलाई जाएगी. तीसरी तेजस ट्रेन की हम बात करते हैं तो यह ट्रेन मुंबई CST और गोवा के करमाली स्टेशन के बीच चलाए जाने का प्रावधान है. यह ट्रेन सप्ताह में 5 दिन चलाई जाएगी और इसमें कई कॉमर्सियल स्टॉपेज दिए जाएंगे.
ट्रेन में एयर हॉस्टेस जैसी अटेंडेंट
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक तेजस एक्सप्रेस में हर एक डिब्बे में हवाई जहाज की तर्ज पर अटेंडेंट और हॉस्टेस रखी जाएंगी. कपूरथला में तेजस एक्सप्रेस की पहली रैक तैयार होने के साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि रेलवे जल्द ही मुंबई और गोवा के बीच में तेजस एक्सप्रेस चलाने की तारीख का एलान करेगी.