मोदी सरकार 3 साल पूरे होने पर एक नई स्कीम लेकर आ रही है, जिसके जरीए केवल देश में बने उत्पाद खरीदने पर जोर दिया जाएगा। मेक इन इंडिया के बाद सरकार ने अपनी इस नई योजना को बॉय इन इंडिया नाम दिया है। बिजनेस स्टैण्डर्ड के मुताबिक, पीएमओ में इस योजना का खाका तैयार हो गया है और सरकार जल्द ही इस पॉलिसी को लांच कर देगी।
इन सेक्टर पर रहेगी निगाहें
पॉलिसी के तहत उन सेक्टर्स को सबसे पहले लिया जाएगा, जहां पर सरकार खुद ही सबसे ज्यादा उपभोग करती है। इनमें इंजीनियरिंग, मशीनरी और पेपर के अलावा अन्य प्रमुख सेक्टर शामिल हैं।
इस पॉलिसी के तहत सीमेंट को भी रखा गया है, लेकिन इसमें पहले से ही ज्यादातर उपभोग देशी कंपनियों से ही ज्यादा होता है। इसके अलावा स्टील और पेट्रोलियम को भी इस पॉलिसी में शामिल किया गया है।
ट्रंप, ऑस्ट्रेलिया से ली प्रेरणा
सरकार को यह पॉलिसी लाने की प्रेरणा ट्रंप और ऑस्ट्रेलिया से मिली है जहां पर स्वदेशी सामान खरीदने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इससे सरकार को देशी कंपनियों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
सरकार ने अपने इस प्रयास की शुरुआत पहले से ही कर दी थी, जब उसने सरकारी इन्फ्रास्ट्रकचर कंपनियों द्वारा देश में बने स्टील और लोहे का इस्तेमाल करने का आदेश जारी किया था।