Wednesday, April 30, 2025
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म्यांमार में पीएम मोदी ने रोहंग्यिा मुसलमानों के मुद्दे पर जताई चिंता..

SI News Today

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार की सुप्रीम लीडर आंग सान सू की के साथ रोहिंग्या मुसलमानों का मु्द्दा उठाया और उम्मीद जताई कि म्यांमार की सरकार इस मुद्दे का जल्द समाधान निकालेगी। म्यांमार की नेता आंग सान सू की के साथ साझा बयान में पीएम मोदी ने कहा कि हम म्यांमार के राखिन प्रांत में चल रही जातीय हिंसा को लेकर म्यांमार सरकार की चिंता से इत्तफाक जताते हैं और उम्मीद करते हैं इस मामले में सभी पक्ष मिलकर एक हल निकालेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि राखिन प्रांत में हिंसा के मुद्दे पर भारत म्यांमार के साथ खड़ा है जिसमें ढेर सारे लोगों की जानें गईं। पीएम मोदी ने कहा कि सभी पक्ष म्यांमार की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित करने की दिशा में काम करें। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तौर तरीकों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने भारत आने के इच्छुक म्यांमार के सभी नागरिकों को फ्री वीजा देने का फैसला किया है। इसके अलावा भारत ने अपने यहां बंद म्यांमार के 40 कैदियों को भी छोड़ने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और काउंसलर आंग सान सू की ने म्यांमार में मुलाकात की, भारत-म्यांमार के संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की एक महत्वपूर्ण मित्र स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात।’’ प्रधानमंत्री की म्यांमार यात्रा ऐसे समय हुई है जब राखिन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर जातीय हिंसा जारी है। भारत सरकार देश में रोहिंग्या आव्रजकों को लेकर चिंतित है और उन्हें वापस भेजने पर विचार कर रही है। कहा जाता है कि भारत में लगभग 40 हजार रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं।

मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा था कि भारत और म्यांमार सुरक्षा, आतंकवाद, व्यापार एवं निवेश, अवसंरचना, ऊर्जा तथा संस्कृति जैसे क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग को भी मजबूत करना चाहते हैं। मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में यहां पहुंचे हैं। पहले चरण में उन्होंने चीन के श्यामन शहर की यात्रा की जहां वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए और चीनी राष्ट्रपति शी चिनंफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा अन्य विश्व नेताओं से मुलाकात की। यह मोदी की म्यांमार की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। इससे पहले वह 2014 में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल होने म्यांमार पहुंचे थे। पिछले साल सू की और म्यामां के राष्ट्रपति ने भारत की यात्रा की थी। म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है और दोनों देशों के बीच 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा है।

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