भारत में गाय को मां माना जाता है। लेकिन दुनिया में और भी जगहें हैं, जहां यह प्रतिष्ठा का प्रतीक है। इथोपिया में एक ऐसी ही जनजाति है, जिसके लिए अधिक गाय होना सम्मानजनक है। यहां लड़के वाले दहेज में 60 गाय लड़की वालों को देते हैं, तब शादी होती है।
दक्षिणी पश्चिम इथोपिया की ग्रेट रिफ्ट वैली में सूरी नामक जनजाति रहती है। 40 साल के फोटोग्राफर मारियो गर्थ यहां पहुंचे और इस जनजाति के लोगों से मिले। उन्होंने वहां के लोगों की जिंदगी और तौर-तरीके अपनी कैमरे में कैद किए।
यहां परपंरा के नाम पर महिलाएं दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरती हैं। महिलाओं को मिट्टी से बनी खास तश्तरी (डिस्क) होठों में पहननी पड़ती है, जिसे सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। तश्तरी पहनाने के लिए उनके निचले हिस्से के दो दांत निकाले जाते हैं। फिर होंठ में छेद कर उसे फिट किया जाता है। सूरी इन मिट्टी की तश्तरियों को सम्मान के तौर पर देखते हैं।
रोचक है कि यह तश्तरी जितनी बड़ी होती है, लड़की की शादी में उतनी ही ज्यादा गाय उसका पिता दहेज के तौर पर मांग सकेगा। चूंकि गाय सूरियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक हैं। वे दूध और रक्त का स्रोत होती हैं, इसलिए आमतौर पर यहां एक शख्स के पास 30-40 गाय होती हैं। शादी करने के लिए किसी को भी यहां कम से कम 60 गाय लड़की के परिवार को दहेज के रूप में देनी होती हैं।
गर्थ आगे बताते हैं कि किशोरियां अपनी त्वचा को सतह समझती हैं। इस पर उन्हें साज-सज्जा करानी पड़ती है। रेजर ब्लेज से उनके शरीर पर निशान दागे जाते हैं। वहीं, पुरुष ‘स्टिक फाइटिंग’ में हिस्सा लेते हैं, जो मार्शल आर्ट्स, परंपरा और खेल का मिश्रण है। इसमें वे ‘डोंगा’ या स्टिक फाइट से वे महिलाओं को इंप्रेस करते हैं और अपने लिए बीवी तलाशते हैं। इस दौरान वे नग्न रहते हैं और कई बार इसमें उनकी जान भी चली जाती है।