भाजपा पर निशाना साधते हुए इसकी सहयोगी शिवसेना ने बुधवार (31 मई) को कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी ने जो वादे किये वो महज ‘‘लॉलीपॉप’’ साबित हुए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘‘अगर वादे सिर्फ चुनावी ‘जुमलों’ के तौर पर किये जायें तो जनता जन सभाओं और नेताओं पर भरोसा नहीं करेगी।’’
शिवसेना ने भाजपा नीत केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘लोग अब यह जानकर हैरत में पड़ सकते हैं कि कर्ज माफी (किसानों की) और नौकरियां पैदा करने के वादे सिर्फ लॉलीपॉप थे।’’
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने हालांकि कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार लोगों की आखिरी उम्मीद है और इसलिए केंद्र एवं राज्य की सरकार की लोगों की उम्मीदों को पूरा करने की जवाबदेही बढ़ गयी है। शिवसेना महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का हिस्सा है। इसमें लिखा है, ‘‘नितिन गडकरी (भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री) ने हाल में कहा था कि कर्जमाफी संभव नहीं होगा। उनकी पहचान सीधे सीधे सच बोलने वाले व्यक्ति की रही है।’’
शिवसेना ने कहा, ‘‘जब हमलोग विपक्ष में थे तो कर्जमाफी की मांग करते थे लकिन यह अब संभव नहीं है।’’ इसमें उन बातों को याद करते हुए कहा गया कि जब भाजपा और शिवसेना विपक्ष में थे तो उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे के उस बयान की आलोचना की थी जिसमें शिंदे ने कहा था कि हर चुनावी वादे को पूरा नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि इससे पहले 29 मई को शिवसेना ने सामना में कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व संप्रग सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं का सिर्फ उद्घाटन करने या उनका नाम बदलने का ही काम किया है और उसने अपने तीन साल के शासन में नोटबंदी को छोड़कर कुछ भी उपलब्धि हासिल नहीं की है।
राजग सरकार की घटक शिवसेना ने यह भी सवाल उठाया कि उसके तीन साल पूरे होने पर मनाए गए जश्न में क्या वे आम आदमी और किसान भी शामिल थे, जो नोटबंदी की मार सबसे ज्यादा झेलने वाले लोगों में थे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में कहा था कि नोटबंदी के अलावा सरकार ने कुछ भी नया नहीं किया।