जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती शुक्रवार (2 जून) को श्रीनगर में खीर भवानी मंदिर में हिन्दुओं के सालाना त्यौहार में शामिल हुईं। इस दौरान उन्हें नाराज कश्मीरी पंडितों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा। इस पर्व में हजारों की संख्या में कश्मीरी पंडितों ने सीएम के सामने हंगामा किया और ‘हमें न्याय चाहिए के नारे लगाए।’ बता दें कि घाटी में आतंकवाद की वजह से हजारों हिन्दू कश्मीरी पंडितों को अपना घर छोड़कर देश के दूसरे हिस्सों में रहने को मजबूर होना पड़ा है। बाद में सीएम महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मैंने यहां हजारों कश्मीरी पंडितों को देखा, मैं दुआ करती हूं कि वे जल्द से जल्द कश्मीर अपने घर लौटें। सीएम महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की एक पूरी पीढ़ी है जिन्होंने अबतक कश्मीर नहीं देखा है क्यों वे यहां कभी रहे ही नहीं हैं। सीएम महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि वे राज्य में शांति और समृद्धि चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करती हैं कि राज्य में हालत सुधरे और सभी कश्मीरी भाई बहन वापस अपने घर लौटें।
बता दें कि श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में यह वार्षिक उत्सव प्रसिद्ध रंगया देवी मंदिर में हिंदू-मुस्लिम सद्भाव के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है।मंत्रोच्चार के बीच भक्त मंदिर में पहुंचे और पूजा की जबकि पूजा में इस्तेमाल के लिये सामग्रियों का सारा इंतजाम स्थानीय मुसलमानों ने किया था। हालांकि घाटी में तनाव का असर मंदिर में पहुंचने वाले भक्तों की संख्या पर साफ दिखा। खास तौर पर हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर सबजार भट के मारे जाने के बाद। इस वार्षिक आयोजन के लिये सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं लेकिन हाल में हुई हिंसा खासकर त्राल मुठभेड़ में भट के मारे जाने के बाद, का असर साफ तौर पर दिखा। हाल ही में सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर में बुरहान वानी के बाद हाई प्रोफाइल आतंकी सबजार भट्ट को ढेर कर दिया था।