कश्मीर में बढ़ती पत्थरबाजी की घटनाओं पर रोक लिए राज्य और केंद्र सरकार अपने स्तर पर योजनाएं बना रही हैं लेकिन एक स्वघोषित संत ने एक अलग ही समाधान पेश किया। कानपुर के रहने वाले बालयोगी अरुण पुरी चैतन्य महाराज ने “जन सेना” नामक एक संगठन बनाया है जो कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों पर “पत्थरबाजी” करेगा। रेडिफ डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में बालयोगी ने अपनी मुहिम का मकसद बताते हुए कहा कि “हुर्रीयत और दूसरे संगठन कश्मीरी युवाओं को बरगला रहे हैं। वो भारतीय सेना और देश की 125 करोड़ जनता का अपमान करते हैं। वो कश्मीर सो भारत से अलग करना चाहते हैं। इसलिए हमने जन सेना बनाई है।”
बालयोगी ने बताया कि उन्होंने एक महीने पहले “जन सेना” का गठन किया था। अब तक इसमें 15 हजार लोग शामिल हो चुके हैं। बालयोगी चाहते हैं कि “जन सेना” कश्मीर जाकर पत्थरबाजों का जवाब दे। बालयोगी कहते हैं कि उनका नारा है, “सेना के सम्मान में, जन सेना मैदान में।” वो कहते हैं कि इसमें शामिल होने वालों को कोई पैसा या तनख्वाह नहीं दी जाएगी और जो भी देश के प्यार करता है वो इसमें शामिल हो सकता है।
“जन सेना” को प्रशिक्षण देने के लिए बालयोगी मानव पुतलों पर पत्थर मरवाकर उन्हें बताएंगे कि कश्मीरी युवाओं का जवाब कैसे देना है। बालयोगी के अनुसार उनके पास विधिवत प्रशिक्षण कार्यक्रम है लेकिन फिलहाल वो केवल पत्थर मारने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। बालयोगी के अनुसार वो गंगा घाट पर पत्थरबाजी का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
सात मई को 1500 नौजवानों का पहला जत्था कश्मीर रवाना हो चुका है। कश्मीर रवाना से पहले सेना ने हवन भी किया था।
बालयोगी ने रेडिफ को बताया कि 24 अप्रैल को उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से कश्मीर जाने की इजाजत मांगी थी लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। बालयोगी का दस्ता दाल, चना और लकड़ी साथ लेकर जा रहा है। बालयोगी के अनुसार यूपी पुलिस ने उन्हें कश्मीर जाने से रोकने की कोशिश की लेकिन वो नहीं रुके। इंटरव्यू देते समय तक बालयोगी का जत्था कानपुर के बाद पड़ने वाले जिले कन्नौज तक पहुंच चुका था।