मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की पहली जातीय हिंसा की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए डीजीपी सुलखान सिंह को सहारनपुर जाकर खुद स्थिति की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। डीजीपी 7 मई रविवार सुबह सहारनपुर पहुंच रहे हैं। आइजी जोन अजय आनंद ने दावा किया कि स्थिति काफी नियंत्रण में है और पुलिस-प्रशासन बेहद चौकन्ना है। हिंसा और आगजनी से प्रभावित थाना बडगांव के राजपूत और दलित मिश्रित आबादी के नौ गांवों शिमलाना, महेशपुर, दल्हेडी, बडगांव, मियानगी, झबीरण, अंबेहटा चांद, शब्बीरपुर और सिसौनी में पीएसी और पुलिस पर्याप्त संख्या में तैनात की गई है। वहां इंस्पैक्टर स्तर के दरोगाओं को भी लगाया गया है। आइजी ने कहा कि डीएम, एसएसपी स्थिति पर लगातार नजर रखे हैं।
जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद ंिसंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने शनिवार को भी हिंसा प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की। एसएसपी ने बताया कि दोनो पक्षों के 17 लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में आठ लोग दलित पक्ष के हैं। जबकि राजपूत पक्ष के नौ लोग गिरफ्तार किए हैं। एसएसपी के मुताबिक चिह्नित किए गए अन्य उपद्रवियों की गिरफ्तारी को पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं। लापरवाही के आरोप में एसएसपी ने शनिवार को एसएचओ बडगांव एमपी सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। अभी नए एसएचओ की नियुक्ति नहीं हुई है। डीएम के निर्देश पर राजस्व विभाग आगजनी और हिंसा से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। गांव शब्बीरपुर और गांव महेशपुर में दलितों की कई घरों और दुकानों को आगजनी से भारी नुकसान हुआ है। पुलिस ने इस मामले को लेकर थाना बडगांव में छह मुकदमें दर्ज किए गए है। एक मुकदमा पुलिस की ओर से दर्ज कराया गया जबकि पांच पीड़ित लोगों ने दर्ज कराएं।
भाजपा प्रदेश कायर्कारिणी के सदस्य योगाचार्य डा. वरुणवीर ने कहा कि 20 अप्रैल की गांव सडक दूधली की सांप्रदायिक हिंसा और 5 मई की शब्बीरपुर की जातीय संघर्ष की दोनों घटनाओं के पीछे बड़ी साजिश है और उनका मकसद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को खराब करना और सवर्णें और दलितों के बीच खाई पैदा करना है। उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय जांच से सच्चाई सामने आ सकती है। जिलाधिकारी और एसएसपी दोनों ने कहा कि शब्बीरपुर में स्थिति इतनी संवदेनशील हो गई थी कि यदि पुलिस-प्रशासन समय पर न चेत जाता तो वहां काफी लोगों की जाने जा सकती थी। रसूलपुरटांक गांव के राजपूत युवक सुमित (26) की इस हिंसा में मौत हुई है। बसपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज एसएसपी दुबे से भेंट कर अपनी भावनाओं से अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल में पूर्व विधायक रविंद्र मोल्हू, महीपाल माजरा, जगपाल सिंह, जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद, जोनल कोर्डीनेटर नरेश गौतम, रकम सिंह सैनी, लोदी कुमार, शादान मसूद, डा. रागिब अंजुम एवं डा. आरिफ आदि शामिल थे।