मणिपुर के 18 वर्षीय थुउनजम लोयनगंबा मैत्ये ने बारहवीं कक्षा में चौथा स्थान पाकर राज्य सरकार का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। मैत्ये ने बोर्ड परीक्षा में 500 में से 346 अंक प्राप्त किए हैं। सभी लोग मैत्ये की तारीफ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मैत्ये ने रोजाना मजदूरी भत्ते पर काम करने के बावजूद इतने अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। गुरुवार को सूबे के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने परीक्षा के नतीजे आने के दो दिन बाद मैत्ये को 50 हजार रुपए पुरस्कार में दिए। मैत्ये एमबीए की पढ़ाई करना चाहता है। मैत्ये ने अपने लक्ष्य के बारे में मुख्यमंत्री से बात की, जिसके बाद बिरेन सिंह ने उससे वादा किया कि वे उसकी पढ़ाई के लिए 2 लाख रुपए के लोन का इंतजाम कराएंगे, ताकि मैत्ये को पार्ट टाइम नौकरी न करनी पड़े।
इतना ही नहीं बिरेन सिंह ने यह भी कहा कि मैत्ये के परिवार को सरकारी हाउसिंग स्कीम के तहत एक लाख बीस हजार रुपए की मदद दी जाएगी। मैत्ये अपनी मां के साथ मुख्यमंत्री से मिलने गया था। मुख्यमंत्री से इतनी सहायता प्राप्त होने के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए मैत्ये ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि हमारे राज्य के मुख्यमंत्री मेरे लिए इतना कर रहे हैं। मैत्ये ने बारहवी कोमर्स में की है। मैत्ये ने हाई स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ एक निर्माण स्थल पर काम किया ताकि वह अपने घर का पालन-पोषण कर सके।
मैत्ये ने कहा कि वह साइंस से पढ़ाई करना चाहता था लेकिन उसके लिए उसे ट्यूशन की जरूरत पड़ती, जिसका खर्चा उसका परिवार नहीं उठा सकता था। मैत्ये के पिता की कोई स्थायी नौकरी नहीं थी, जिसकी वजह से घर का खर्चा ही मुश्किल से चल पाता था। घर के खर्च में अपना योगदान देने के लिए ही मैत्ये ने काम करना शुरु किया। काम से लौटने के बाद मैत्ये को जो समय मिलता था, वह उतने में ही पढ़ाई कर पाता था। मैत्ये ने कहा कि उसने कभी भी यह आशा नहीं की कि वह टॉप पांच में भी आए। मैत्ये चार भाई-बहन हैं और वह चाहता है कि उसके सभी भाई-बहन अच्छे पढ़-लिखकर कामयाब हो जाएं।