Friday, March 29, 2024
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करोड़ों बच्‍चों को हौसला देंगी परीक्षा में कमाल करने वाले इन 6 बच्चों की कहानियां

SI News Today

सीबीएसई 12वीं के नतीजे रविवार को जारी हुए हैं। उप्र के नोएडा की रक्षा गोपाल ने टॉप किया है। वह 99.6 फीसद अंक लाई हैं। नतीजों के बाद कुछ ऐसे बच्चों की कहानियां-किस्से भी आए, जो टॉपर की कहानी से कहीं बढ़कर हैं। पढ़ाई के जज़्बे में किसी ने कैंसर को हराया, तो कोई आंशिक रूप से नेत्रहीन होने के बाद भी धांसू नंबर लाया। किसी ने रात-रात भर जगकर पढ़ाई की, तो किसी को पानी-बिजली और कोचिंग के बगैर किताबों-सिलेबस से दो-चार होना पड़ा। ऐसे में हम आपके लिए ढूंढ कर लाए हैं सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में कमाल करने वाले छह बच्चों की कहानियां, जो आपको प्रेरित करेंगी। कुछ कर गुजरने के लिए आत्मविश्वास पैदा करेंगी। तो पढ़िए इनकी तरक्की के किस्से।

1. 95% नंबर लाने को रांची के इस होनहार ने कैंसर को दी मातः सीबीएसई 12वीं के नतीजों में रांची में एक ‘लाल’ ने कैंसर को हराकर कमाल दिखाया है। बगैर किसी कोचिंग के तुषार ऋषि 95 फीसद नंबर लाए हैं। वह डीपीएस के छात्र हैं। बाएं घुटने में कैंसर के चलते 10वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं दे पाए थे। 2014 में बोन कैंसर का पता चला। 11 महीने तक कीमोथेरेपी चली। इस दौरान बहुत कुछ बदला, लेकिन वह पढ़ाई से नहीं भटके। किताबों और सिलेबस पर ध्यान केंद्रित रखा। यही कारण है कि वह 12 में अंग्रेजी विषय में 95, फिज़िक्स में 95, मैथ में 93, कंप्यूटर में 93 और फाइन आर्ट्स में 100 नंबर लाए हैं। वह ‘द पेशेंट पेशेंट’ नाम की किताब भी लिख चुके हैं, जो एक युवा कैंसर पीड़ित का संघर्ष बयां करती है।
सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में इस बार कैंसर पीड़ित तुषार ऋषि ने 95 फीसद नंबर हासिल किए हैं। वह ‘द पेशेंट पेशेंट’ किताब भी लिख चुके हैं। (फोटो सोर्सः फेसबुक)

2. चंडीगढ़ की ये जुड़वां बहनें रिजल्ट में एक-जैसे लाईं अंकः नेहा गोयल और तान्या गोयल दोनों जुड़वां बहनें हैं। जन्म में महज़ तीन मिनट का फासला हैं। आदतें एक जैसी हैं, तो अंक भी मिलते-जुलते ही लाईं हैं। सीबीएसई 12वीं में नेहा के 98.6 फीसद और तान्या के 98.4 फीसद अंक आए हैं। दोनों भवन विद्यालय से कॉमर्स स्ट्रीम में पढ़ी हैं। आईएएस परिवार में जन्मीं ये बहनें रोजाना 10-12 घंटे पढ़ती हैं। वे दोनों दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लेना चाहती हैं और भविष्य में सिविल सेवाओं में भर्ती होने का सपना देखती हैं।

3. केरल में ऑटो चालक का आंशिक रूप से नेत्रहीन बेटा लाया 98 फीसद नंबरः वह कहते हैं कि प्रतिभा किसी चीज़ की मोहताज नहीं होती। केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित सेंट थॉमस स्कूल के छात्र अजय आर राज पर यह बात फिट बैठती है। वह आंशिक रूप से नेत्रहीन हैं और उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं। उनके बेटे ने स्क्रीन रीडिंग सॉफ्टवेयर की मदद से सीबीएसई 12वीं का एग्जाम दिया। 500 में 490 अंक हासिल किए। ह्यूमैनिटीज़ स्ट्रीम से पढ़े राज इंग्लिश लिट्रेचर पढ़कर देश के ग्रामीण इलाकों में शिक्षक बनकर वहां की हालत सुधारना चाहते हैं। कोझिकोड जिले के कुट्टीयदि पंचायत इलाके के रहने वाले राज स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़े हैं। उन्हें स्कूल की ओर से स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं।

4. 89 फीसद नंबर ला आंशिक रूप से नेत्रहीन लड़की ने परिवार का बढ़ाया मानः नाम है गुरलीन कौर। उम्र 18 साल। जन्म से ही आंशिक रूप से दिखाई नहीं देता है। फिर भी अपनी इस कमजोरी के आगे कभी घुटने नहीं टेके। पढ़ाई जारी रखी। 12वीं की परीक्षा में वह 89 नंबर लाईं हैं और परिवार का मान बढ़ाया। आप सोच रहे होंगे, कैसे? परीक्षा से पहले मां मनप्रीत बेटी के लिए लैपटॉप पर फाइलें-नोट्स बनाती थीं। फिर उन्हें स्पेशल सॉफ्टवेयर की मदद से स्पीच में तब्दील करती थीं। एग्जाम के दिन बेटी तड़के दो बजे उठकर आठ बजे तक पढ़ाई करती थी। जबकि रोजाना वह छह बजे उठती है। गुरलीन का परिवार उनकी इस सफलता पर खासा खुश नजर आ रहा है। बेटी का लक्ष्य अब आईएएस अधिकारी बनना है।
सीबीएसई के परीक्षा परिणाम आने के बाद कुछ इस तरह खुशी का इज़हार करतीं छात्राएं (फोटोः साहिल वालिया)

5. लैब टेक्नीशियन की बेटी ने पाए 97.6 पर्सेंट मार्क्स, गायनाकोलॉजिस्ट बनने का है ख्वाबः नवाबों के शहर लखनऊ से रविवार को कई होनहार सीबीएसई रिज़ल्ट्स आने के बाद सितारों की तरह चमकते नजर आए। उन्हीं में से एक नाम है आस्था रौतेला का। वह रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल सेकेंड्री स्कूल की छात्रा हैं और 12वीं में 97.6 पर्सेंट मार्क्स लाई हैं। पिता यहीं लैब टेक्नीशियन हैं। 16 साल की यह छात्रा बड़ी होकर स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनाकोलॉजिस्ट) बनने का ख्वाब देखती हैं। हालांकि, वह कम उमर् होने के कारण मेडिकल एंट्रेस एग्जाम में नहीं बैठ सकीं।

6.दिहाड़ी मजदूर का बेटा 12वीं के नतीजों में छाया, 82 फीसद नंबर लायाः लखनऊ के राजाजीपुरम स्थित सेंट अंजनी पब्लिक स्कूल के छात्र अशोक यादव का नाम भी ऐसे ही होनहारों की सूची में शुमार है। सीबीएसई 12वीं में वह 82 फीसद नंबर लाए हैं। पिता राजेश दिहाड़ी पर पत्थर का काम करते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण एक कमरे में बगैर बिजली-पानी व्यवस्था के पढ़ाई की। अशोक को जिस स्कूल में पढ़ने का मौका मिला, उसके संस्थापक एमडी सक्सेना उसके पिता राजेश के काम के प्रति जुनून से खासा प्रभावित हुए। उसके पिता को अधिक पैसे दिए, लेकिन उन्होंने पैसे लेने से इन्कार कर दिया। पैसों के बजाय उसने अपने बेटे को सीबीएसई स्कूल में दाखिला दिलाने की बात कही। फिर क्या था, अशोक की 12वीं तक की पढ़ाई के लिए सिर्फ टोकन फीस ली गई। 12वीं में नेतृत्वशाली खूबियों के कारण वह स्पोर्ट्स कैप्टन भी चुना गया था। आगे चलकर वह सुरक्षा बल में शामिल होना चाहता है।

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