कश्मीरी शख्स को सेना के जीप के आगे बांधकर घुमाने वाले आर्मी अफसर ने मंगलवार को बताया कि आखिर उन्हें ऐसा क्यों करना पड़ा। क्यों उन्होंने कश्मीरी शख्स को जीप के आगे बांधकर घुमाया? मेजर लितुल गोगोई ने बताया कि हम चुनाव ड्यूटी में सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। हम सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने और पोलिंग बूथ की सुरक्षा जांचने के लिए मतदान केंद्र पर गए थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने हम पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। पथराव करते हुए लोगों ने हम पर पेट्रोल बम फेंकना शुरू कर दिया। मैंने स्थानीय लोगों को बचाने के लिए यह कदम उठाया। गोगोई ने पहली बार मीडिया के सामने आकर यह बात कही।
एक टीवी चैनल से बातचीत में मेजर गोगोई ने कहा, “मैंने बिना एक भी बुलेट चलाए या किसी की भी पिटाई किए कई लोगों की जान बचाई। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मैं अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदार था, मुझे किसी चीज का डर नहीं था।” गोगोई ने आगे कहा कि चारों तरह से पत्थर चलाए जा रहे थे लेकिन हमने आसानी से चुनाव करवाएं। गोगोई का मानना है कि उन्होंने जो भी किया वो सही था। अगर आपकी नियत सही है तो आपको कुछ नहीं हो सकता। हमेशा सकरात्मक रहो, कड़ी मेहनत करो और चीजें अपने आप सही हो जाती है।
9 अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक शख्स को गाड़ी के आगे बांधकर घुमाते हुए दिखाया गया था। जिसके बाद लोगों ने गोगोई को लेकर आलोचना करनी शुरू कर दी थी। इस मामले में सेना ने उनके खिलाफ जांच की थी, जिसमें उन्हें क्लीनचिट दे दी गई थी। सोमवार को राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर लितुल गोगोई को आर्मी चीफ की ओर से इस घटना के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।
बता दें कि चुनाव को देखते हुए घाटी में भारी सुरक्षाबल और सेना के जवानों को तैनात किया गया था ताकि किसी भी हिंसक स्थिति से बचा जा सके। कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों पथराव की घटनाएं अक्सर सामने आती रही है। जब सेना या सुरक्षाबल आंतकियों के साथ मुठभेड़ करती है, तो पत्थरबाजों द्वारा उन्हें बचाने के लिए जवानों पर पथराव किया जाता है। जिसके कारण कई बार जवान घायल हो जाते हैं और इसी का फायदा उठाकर आंतकी भागने में कामयाब हो जाते हैं।