Thursday, April 25, 2024
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गुलाम नबी की कश्मीरी युवाओं से अपील: मुठभेड़ स्थलों पर न जाएं, ऐसा करना आग से खेलने जैसा

SI News Today

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कश्मीर घाटी के युवाओं से मुठभेड़ स्थलों के पास नहीं जाने की अपील की और कहा कि यह आग से खेलने जैसा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं नहीं चाहूंगा कि बच्चे मुठभेड़ स्थलों के पास जाएं, यह अच्छा नहीं है. मैं इस बात के पक्ष में नहीं हूं कि बच्चे मुठभेड़ स्थलों पर जाएं . स्पष्टत: यह आग के साथ खेलने जैसा है.’ उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों एवं आतंकवादियों के बीच जब मुठभेड़ होती है तब लोग मुठभेड़ स्थलों के पास पहुंच जाते हैं तो वे मुठभेड़ की चपेट में आ सकते हैं.

आजाद ने दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के दामहाल हांजीपोरा में कांग्रेस एवं नेशनल कांफ्रेंस की संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चाहे वह वृद्ध व्यक्ति हो, या युवा या किशोर, मुठभेड़ में उसके सामने अपनी जान गंवाने का खतरा होता है . मैं उसका तरफदार नहीं हूं क्योंकि हमारे बच्चे गोलियों का शिकार हो सकते हैं. ’’ कुलगाम जिला अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में आता है जहां कांग्रेस के जी ए मीर कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव लड़ रहे हैं.

कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक हल की पहल करे केंद्र

उधर, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुला ने श्रीनगर में कहा कि आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे अनिवार्य तो है लेकिन जबतक केंद्र कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक हल की पहल नहीं करता, तबतक राज्य की परेशानी बनी रहेगी. उन्होंने कहा, ‘चेनानी-नाशरी सुंरग को राजनीतिक पहल के विकल्प के रूप में पेश किया जाना अब भी कश्मीर में राजनीतिक मुद्दे की अनदेखी करने का एक दूसरा संकेत है.’

 राज्य में परेशानी बनी रहेगी जब तक…

जम्मू क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी सुरंग का प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किये जाने के दिन उन्होंने कहा, ‘आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे अनिवार्य तो है लेकिन जबतक नयी दिल्ली लोगों की भावनाओं के अनुरूप इस लंबित राजनीतिक मुद्दे का हल करने की पहल नहीं करता, तबतक राज्य में परेशानी बनी रहेगी.’

अब्दुल्ला श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के अपने चुनाव प्रचार अभियान के तहत डल झील और हजरतबल विधानसभा क्षेत्रों में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस का हमेशा मत रहा है कि आर्थिक पैकेज एवं बुनियादी परियोजनाएं भारत और पाकिस्तान तथा नयी दिल्ली एवं कश्मीर में संबंधित पक्षों के बीच वार्ता का विकल्प नहीं हो सकती.

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