Friday, March 29, 2024
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पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश..

SI News Today

उच्चतम न्यायालय ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को आज निर्देश दिया कि भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के लिए वह 23 अगस्त को केन्द्रीय जांच ब्यूरो के जांच अधिकारियों के समक्ष पेश हों। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंज्य वाई चन्द्रचूड की पीठ ने कार्ति को जांच ब्यूरो के मुख्यालय में पूछताछ के दौरान अपने साथ वकील ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। पीठ ने कहा, ‘‘सुनवाई के दौरान प्रतिवादी (कार्ति) के वकील ने कहा कि प्रतिवादी जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिये तैयार है। इसलिए हम प्रतिवादी (कार्ति) को निर्देश देते हैं कि वह 23 अगस्त को नई दिल्ली में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के मुख्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष पेश हों।’’

न्यायालय ने जांच ब्यूरो को 28 अगस्त तक जितने भी दिन चाहे कार्ति से पूछताछ करने की छूट प्रदान की है। इस मामले में अब 28 अगस्त को आगे सुनवाई होगी। पीठ ने कार्ति से कहा कि वह जांच ब्यूरो की प्राथिमकी में लगाये गए आरोपों के खिलाफ अपने बचाव के लिये सभी जरूरी दस्तावेज लेकर जाएं। हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि कार्ति के साथ जांच ब्यूरो के जांचकर्ताओं द्वारा पूछताछ के दौरान उसके साथ जाने वाले वकील बगल वाले कक्ष में बैठेंगे।

न्यायालय ने जांच ब्यूरो और कार्ति को निर्देश दिया कि वे जांच तथा इस मामले के दूसरे पहलुओं के बारे में अपनी रिपोर्ट भी सुनवाई की अगली तारीख पर दाखिल करें। शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को कहा था कि कार्ति को भ्रष्टाचार के मामले में जांच के लिए खुद पेश हुए बिना भारत से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। शीर्ष अदालत ने कार्ति के खिलाफ केन्द्र के ‘लुकआउट सर्कुलर’ पर रोक लगाने के मद्रास उच्च न्यायालय के 10 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी थी और जानना चाहा था कि वह जांच ब्यूरो के समक्ष पूछताछ के लिए कब पेश होंगे।

जांच ब्यूरो द्वारा दिल्ली में 15 मई को विशेष सीबीआई अदालत में दर्ज मामला आईएनएक्स मीडिया को 2007 में करीब 305 करोड रुपए का विदेश से धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमित्ताओं से संबंधित है। उस समय कार्ति के पिता केन्द्रीय वित्त मंत्री थे। यह मामला दर्ज होने के बाद 16 मई को कार्ति और उसके दोस्तों के घरों तथा कार्यालयों की तलाशी भी ली गई थी। जांच ब्यूरो का दावा है कि इस मीडिया घराने के एफडीआई प्रस्ताव को चिदंबरम ने ‘गलत तरीके’ से मंजूरी दी थी।

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