पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कथित तौर पर पार्टी के सदस्यों को कांग्रेस को लेकर नरम रुख अपनाने और उनकी आलोचना नहीं करने को कहा है। ममता की ओर से यह प्रतिक्रिया दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद आई। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीते दिनों ममता और सोनिया ने मीटिंग की थी। नाम न बताने की शर्त पर टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने हमारे सहयोगी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “ममता की ओर से पार्टी सदस्यों को कांग्रेस पर चुप्पी साधने के लिए कहा गया है। ममता ने कहा कि कांग्रेस को वह हैंडल कर लेंगी। इसके साथ ही पार्टी सुप्रीमो को बीजेपी और सीपीएम पर ध्यान केंद्रित करने और उनकी आलोचना करने के निर्देश दिए हैं।”
तृणमूल सांसदों, विधायकों, सभी निकायों के चेयरमैन तथा जिला पंचायत अध्यक्षों की मीटिंग बुलाई गई थी। इस मीटिंग में ममता ने कांग्रेस पर तेवर नरम रखने के लिए कहा। इसके बाद से कयास लगाए जाने लगे हैं कि बीजेपी को रोकने के लिए टीएमसी और कांग्रेस साथ आ सकते हैं। ममता की ओर से आई प्रतिक्रिया पर कांग्रेस की राज्य ईकाई के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा, “वह (ममता) एक तेज नेता हैं। उन्होंने क्या कहां ये मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है, मेरे लिए जरुरी यह है कि मुझे मेरी पार्टी की ओर से क्या कहा गया। पार्टी द्वारा मुझे सदस्यता अभियान के जरिए संगठन को मजबूत करने के लिए कहा गया है। हमें अपनी पार्टी चलाने के लिए उनकी मदद की जरुरत नहीं है। हम अपनी पार्टी चलाने में सक्षम हैं।”
चौधरी ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया था कि टीएमसी से बातचीत करने से पहले बंगाल कांग्रेस की हालत देख लेनी चाहिए थी। कांग्रेस ने 2016 का विधानसभा चुनाव लेफ्ट फ्रंट के साथ लड़ा था। अगर टीएमसी और कांग्रेस एकसाथ आते हैं, तो यह कांग्रेस की राज्य ईकाई के लिए भारी झटका होगा।
मीटिंग के दौरान ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। साथ ही अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक ममता बनर्जी को लगता है कि केंद्र की योजना लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव को एक साथ साल 2018 के अंत में कराने की है।