Thursday, April 25, 2024
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मोदी और अमित शाह सरकार और पार्टी में बड़े फेरबदल पर मंथन करेंगे

SI News Today

आगामी चुनावों को देखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को पार्टी के बिहार यूनिट के अध्यक्ष मंगल पांडे को हिमाचल प्रदेश का नया प्रभारी नियुक्त किया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाहर 2019 के आम चुनावों की तैयारियों के तहत सरकार और संगठन में बदलाव पर विचार कर रहे हैं। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों को लगता है कि मई 26 को सरकार की तीसरी वर्षगांठ के बाद सरकार में बदलाव जरूरी है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद केंद्रीय संगठन और केंद्र सरकार में काफी जगह खाली हो गई है, क्योंकि कई पार्टी सदस्य राज्य सरकारों में चले गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक शाह चाहते हैं कि कुछ केंद्रीय मंत्री पार्टी के लिए काम करें। मनोहर पर्रिकर के गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार अरुण जेटली के पास आ गया है। वह वित्त मंत्रालय का भी काम देख रहे हैं। यह व्यवस्था ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती, क्योंकि दोनों ही मंत्रालयों के लिए अलग-अलग मंत्रियों की जरूरत है। वहीं कुछ मंत्री खराब काम कर रहे हैं, उन्हें दूसरे मंत्रालयों या पार्टी संगठन में भेजा जा सकता है। बीजेपी के 3 राष्ट्रीय सचिव-सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा और महेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं। आदित्यनाथ सरकार में डिप्टी सीएम-केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी यूपी बीजेपी अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर हैं।

पांडे की नियुक्ति से श्रीकांत का खाली पद भरा गया है। इससे पहले राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव को दिनेश शर्मा के बाद गुजरात का प्रभारी बनाया गया था। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी साल अंत में चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी के एक सूत्र ने कहा कि ये छोटे बदलाव हैं। संगठन में बड़े स्तर पर कायाकल्प जल्द ही हो जाएगा। अमित शाह ने बताया है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी की सलाह से इस पर काम कर रहे हैं। शाह ने उम्मीद जताई है कि इन बदलावों से बीजेपी को 2019 में 2014 के भी ज्यादा बड़ी जीत मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक अमित शाह चाहते हैं कि बीजेपी और सहयोगी 2019 के लोकसभा चुनावों में 543 सीटों में 400 सीटें जीतें। वह चाहते हैं कि एनडीए का वोट शेयर 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाए, जो अब तक कोई पार्टी या गठबंधन हासिल नहीं कर पाया है।

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