Thursday, March 28, 2024
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विश्व बैंक ने दी चेतावनी, पनामा पेपर्स के चलते खतरे में है पाकिस्तान की राजनीति

SI News Today

विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि पनामा पेपर्स के मुद्दे के कारण पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता का खतरा बढ़ गया है और इससे कुछ हद तक नीतिगत अनिश्चितता पैदा हो गई है। विश्व बैंक ने शनिवार को जारी एक रिपोर्ट ‘पाकिस्तान डेवलपमेंट अपडेट’ में चेतावनी दी कि देश में घरेलू स्तर पर ‘प्राकृतिक आपदाओं, राजनीतिक उथल पुथल और आतंकवाद’ का खतरा पैदा हो गया है, जबकि आगामी आम चुनाव ‘सुधार की गति और व्यापक आर्थिक नीति की दिशा’ को प्रभावित कर सकते हैं।

विश्व बैंक पहली अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था नहीं है, जिसने चेतावनी दी है कि पनामा पेपर्स के मुद्दे का पाकिस्तान के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्ड ने भी कहा था कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के होने की धारणा से निजी निवेश पर असर पड़ेगा और इससे सतत और समावेशी विकास बढ़ाने के प्रयासों में रुकावट आएगी। डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, इसके बावजूद बैंक का मानना है कि जून में खत्म होने वाले वित्त वर्ष के दौरान पाकिस्तान का आर्थिक विकास 5.2 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि नौ वर्षो में सबसे अधिक होगा।

आपको बता दें कि बीते माह ही खबर आई थी कि पाकिस्तान के चर्चित पनामा पेपर लीक केस में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मुश्किलें बढ़ गई हैं। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संयुक्त जांच टीम का गठन कर दिया है और पीएम नवाज शरीफ और उनके दोनों बेटों को इस टीम के सामने जांच के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है। इस मामले में आज (20 अप्रैल) को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की खंडपीठ ने फैसला सुनाया था। पाकिस्तान से आयी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से 3 जजों ने इस केस में जांच के लिए और समय दिया है, लेकिन दो जज पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को पीएम पद के लिए अयोग्य ठहराने के पक्ष में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त जांच टीम को जांच पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया था। पाकिस्तानी मीडिया से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक सु्प्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ के दोनों बेटों हसन और हुसैन नवाज को भी संयुक्त जांच टीम के सामने पेश होने को कहा था।

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