होटल और रेस्टोरेंट में खाने पर लगने वाले सर्विस चार्ज पर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ किया है। शुक्रवार (21 अप्रैल) को केंद्र सरकार की तरफ से केंद्र मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि सरकार ने सर्विस चार्ज के लिए गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है। इसके तरह सर्विस चार्ज देना पूर्ण रूप से अपनी इच्छा पर होगा और यह देना जरूरी भी नहीं है। राम विलास पासवान ने यह भी कहा कि होटल या रेस्टोरेंट यह तय ना करें कि कस्टमर कितना सर्विस चार्ज देना है। इसको देने की बात पूर्ण रूप से कस्टमर पर छोड़ देनी चाहिए। राम विलास पासवान ने कहा कि सभी दिशा-निर्देश राज्यों को भेज दिए गए हैं। जिनपर राज्य सभी जरूरी एक्शन लेंगी।
पासवान ने कहा कि मौजूदा कस्टमर प्रोटेक्शन बिल के तहत कानून को तोड़ने पर एक्शन लेने की शक्ति नहीं देते थे। इसके लिए नए निर्देश जारी करने पड़े। जिसमें सजा का भी प्रावधान होगा। पासवान के मुताबिक, इससे मंत्रालय मजबूत होगा।
पासवान ने कहा कि सर्विस चार्ज जैसा कुछ नहीं है। यह गलत तरीके से वसूला जा रहा था। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसको पीएमओ के पास भी अनुमति के लिए भेज दिया गया है। पासवान ने कुछ दिन पहले भी इन दिशा-निर्देशों का जिक्र किया था।
मंत्रालय को रेस्टोरेंट और होटल के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। उनमें कहा गया था कि कस्टमर से टिप आदि के नाम पर 5-20 प्रतिशत सर्विस चार्ज लिया जा रहा था।