सीबीएसई ने क्लास छठी से नौंवी तक के परीक्षा नियमों में बदलाव किया है। इसी के साथ ही सीबीएसई ने 2009 ने चले आ रहे मूल्यांकन की पद्धति सीसीई को बंद कर दिया है। अब नये शैक्षणिक सत्र 2017-18 से बच्चों की प्रतिभा का आकलन नये तरीके से किया जाएगा। सीबीएसई की इस पहल का मकसद सीबीएसई से जुड़े सारे स्कूलों में परीक्षा, और रिपोर्ट कार्ड बनाने की एक समान पद्धति को लागू करना है। सीबीएसई के मुताबिक छठे क्लास से अब सारे स्कूलों को सीबीएसई के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा, और इसी के आधार पर परीक्षा लेनी होगी, और रिपोर्ट कार्ड बनाना होगा। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अब बच्चों के रिपोर्ट कार्ड पर सीबीएसई का लोगो भी होगा।
सीबीएसई के चेयरमैन आर के चतुर्वेदी के मुताबिक ‘सीबीएसई से संबंद्ध स्कूल मूल्यांकन और परीक्षा के अलग अलग तरीके अपना रहे थे, इस वजह से अगर देश में किसी बच्चे को एक स्कूल से दूसरे स्कूल में जाना होता था तो रिपोर्ट कार्ड के आधार पर उसका मेरिट आंकने में स्कूलों को दिक्कत होती थी, लिहाजा इस दिक्कत को दूर करने के लिए सीबीएसई ये कदम उठा रही है,ये सीबीएसई के स्कूलों में परीक्षा और रिपोर्ट कार्ड बनाने में एकरुपता लाने की दिशा में अहम कदम है।’ उन्होंने कहा कि परीक्षा की ये नयी पद्धति शिक्षण, आकलन, परीक्षा और रिपोर्ट कार्ड का स्टैंडर्ड पैटर्न बनाकर गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने में अहम कदम साबित होगी। उनके मुताबिक ये बदलाव साल 2018 से दसवीं बोर्ड की परीक्षा शुरू करने से पहले उठाया गया है।
स्कूलों की ओर से कक्षा 6ठी से आठवीं के बच्चों को जारी किये जाने वाले नये रिपोर्ट कार्ड में बच्चों को वार्षिक और अर्द्धवार्षिक परीक्षा में मिलने वाले नंबरों का जिक्र होगा, साथ ही उन नबंरों के आधार पर मिलने वाले ग्रेड का वर्णन भी यहां रहेगा। इस रिपोर्ट कार्ड में सह-शैक्षिक गतिविधियों में बच्चों का मिलने वाले ग्रेड का वर्णन रहेगा। सीबीएसई के सूत्रों के मुताबिक, ‘इस संस्था से संबंद्ध स्कूलों की संख्या 1962 में 309 के मुकाबले 2016 में बढ़कर 18,688 हो गई है, परीक्षा और रिपोर्ट कार्ड की एकसमान प्रणाली से बच्चों को एक स्कूल से दूसरे स्कूलों में जाने में आसानी होगी।