Monday, December 2, 2024
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18 साल बाद इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने हैं भारत-पाकिस्तान

SI News Today

भारत और पाकिस्तान करीब 18 साल बाद एक बार फिर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में हैं। इस बार मामला भारत के कुलभूषण जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाने के खिलाफ भारत द्वारा आईसीजे का दरवाजा खटखटाये जाने का है, जबकि 18 साल पहले इस्लामाबाद ने अपने एक नौसैनिक विमान को मार गिराये जाने के बाद उससे हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।

नीदरलैंड्स के हेग में संयुक्त राष्ट्र के प्रधान न्यायिक अंग आईसीजे के पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में जन सुनवाई होगी जहां विवादित जाधव मामले पर दोनों पक्षों से अपना मत रखने को कहा जायेगा। भारत ने आठ मई को आईसीजे में याचिका दायर कर 46 वर्षीय कुलभूषण जाधव के लिये न्याय की मांग की थी। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने पूर्व नौसैनिक अधिकारी से दूतावास संपर्क के लिये दिये गये 16 आवेदनों की अनदेखी कर वियना संधि का उल्लंघन किया।

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पिछले महीने जाधव को कथित तौर पर जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान ने जाधव के परिवार द्वारा वीजा के लिये किये गये आवेदन पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले 10 अगस्त 1999 को कच्छ क्षेत्र में भारतीय वायु सेना ने एक पाकिस्तानी समुद्री टोही विमान एटलांटिक को मार गिराया था। विमान में सवार सभी 16 नौसैनिकों की मौत हो गयी थी। पाकिस्तान का दावा था कि विमान को उसके वायुक्षेत्र में मार गिराया गया और उसने भारत से 6 करोड़ अमेरिकी डालर के मुआवजे की मांग की। अदालत की 16 जजों की पीठ ने 21 जून 2000 को 14-2 से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया।

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में दी गई फांसी से बचाने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत का रुख किया है। लेकिन भारत के पक्ष को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान पहले ही एक चाल चल चुका है। दरअसल कुलभूषण जाधव को ‘जासूसी और हिंसक गतिविधियों’ के नाम पर फांसी दिए जाने से 12 दिन पहले ही पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) को यह सूचित कर दिया था कि पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा यह मामला ICJ की न्याय सीमा से बाहर होगा। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने यह घोषणापत्र यूएन सेक्रेटरी जनरल एनटोनियो गुटेरेस को 29 मार्च को सौंपा था। नए घोषणापत्र ने पाकिस्तान के 12 सितंबर 1960 को सौंपे गए पुराने घोषणापत्र का स्थान ले लिया।

देखिए वीडियो – इंटरनेशनल कोर्ट ने लगाई कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक; सुषमा स्वराज ने जाधव की मां को खुद दी जानकारी

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