2019 Election : Can this prove a boon for Congress, this new figure of GDP.
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पूर्व प्रधानमंत्री कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह के PM रहने के समय अच्छी GDP ग्रोथ दिखाने वाली रिपोर्ट को सरकारी वेबसाइट से हटा दिया गया है। दरअसल इस रिपोर्ट में यह था कि यूपीए सरकार के समय में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों को काफी अच्छा बताया गया था। लेकिन केन्द्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट से इस रिपोर्ट को अब हटा दिया है। वहीं मोदी सरकार ने जीडीपी का आकलन करने हेतु आधार साल 2010-11 कर दिया था। जबकि यह यूपीए सरकार के काल में 2004-05 था। आपको बता दे कि यूपीए के समय में अच्छी जीडीपी ग्रोथ दिखाने वाली इस रिपोर्ट मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर 25 जुलाई को प्रकाशित हुई थी। और उसमें बताया गया था कि मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे जब 2010-11 में भारत की अर्थव्यवस्था 10.8 फीसदी की दर से बढ़ी है पर इसके लिए इसी आधार को मानक मान लिया जाए तो।
दरअसल इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के पश्चात कांग्रेस व भाजपा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी। वहीं पिछले हफ्ते ही इस रिपोर्ट को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना था कि GDP के बैक सीरीज कैल्कुलेशन ने सच्चाई बयां कर दी है, जिससे एकदम साफ साबित होता है कि आर्थिक तेजी के सबसे अच्छे दिन 2004-14 के बीच यूपीए काल में था। इसके आगे उन्होंने कहा कि यह सरकार UPA-1 का कभी मुकाबला नही कर सरती पर पांचवें वर्ष के लिए मोदी सरकार को बधाई देता हूं और यह उम्मीद करता हूं कि यह कम से कम UPA-2 के तो बराबर आ ही जाए।
वहीं कुछ समय पहले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी फेसबुक पर पोस्ट कर कहा कि देश में उच्च विकास दर 2003-2008 के बीच रही है। हालांकि जेटली ने दावा करते हुए यह भी कहा कि 2004 से पहले इस विकास दर का होने का मुख्य कारण अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुए काम का नतीजा है। साथ ही जेटली ने दावा करते हुए कहा कि वाजपेयी सरकार ने 1991 में आर्थिक सुधार की शुरुआत की थी जो कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मजबूती से जारी रखा जिसकी वजह से देश में निर्यात में अच्छे सुधार के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। गौरतलब है कि 2014 के आम चुनावों में यूपीए सरकार पर अर्थव्यवस्था को सुस्त करने का आरोप लगाने के साथ ही आंकड़ों के से लोगों को भरोसा दिलाया कि मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के अंत तक देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी। लेकिन अब जारी नई जीडीपी आंकड़ों मुताबिक बीजेपी का यह हमला पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है। जबकि मनमोहन सरकार के आखिरी दो वर्ष के समय तेज रफ्तार देखने को मिली थी।
फिलहाल जहां पुराने आंकड़ों से वित्त साल 2013-14 में 4.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई थी वहीं नए जीडीपी आंकड़ों में यह ग्रोथ 6.9 फीसदी दर्ज हुई है। इससे एकदम साफ होता है कि आर्थिक सुस्ती व बेरोजगारी का जो आरोप कांग्रेस सरकार पर लगाया गया था वह उस नए जीडीपा आंकड़े को पूरी तरह से निराधार बता रहा है। हालांकि वोटरों को खराब आर्थिक स्थिति का भरोसा दिलाते हुए बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से निकाल फेंका। वहीं देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रीसर्च शाखा ने नए जीडीपी आंकड़ों का अध्ययन कर कहा कि वित्त साल 2010-11 के समय देश में आर्थिक विकास दर 10.8 फीसदी दर्ज की गई थी। जिसके चलते स्टेट बैंक ने दलील देते हुए कहा है कि इस उंची विकास दर के चलते इस समय देश में अधिक महंगाई दर का होना स्वाभाविक है। अब ऐसे में राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। ऐसै मानना है कि 2019 के आम चुनावों से पहले जारी हुए जीडीपी के ये नए आंकड़े विपक्ष में बैठी कांग्रेस को सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ आवाज बुलंद करने में सहायता प्रदान करेगा।