कोलकाता: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जे एस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस सी. एस. कर्णन आज कोलकाता जेल से रिहा हो गए. उनपर अदालत की अवमानना का आरोप लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में उन्हें 6 महीने जेल की सजा सुनाई थी. पूर्व जस्टिस की पत्नी सरस्वती ने बताया कि कर्णन आज सुबह करीब 11 बजे प्रेसिडेंसी करेक्शनल होम से रिहा हुए.
जेल से रिहा होने के समय पूर्व न्यायाधीश के साथ उनकी पत्नी और उनके बड़े पुत्र थे. पुलिस से करीब एक महीने तक बचते रहने के बाद 20 जून को कर्णन को कोयंबटूर से गिरफ्तार कर लिया गया था. कर्णन उच्च न्यायालय के एकमात्र ऐसे न्यायाधीश हैं जिन्हें कार्यरत रहने के दौरान सजा सुनाई गई.
क्या है पूरा मामला
जस्टिस कर्णन ने 20 पद पर काबिज जजों और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस मामले में उन्होंने एक शिकायत भी की थी. इसके बाद उन्होंने CBI को इस शिकायत की जांच करने का आदेश दिया. जस्टिस कर्णन ने CBI को निर्देश देते हुए इस जांच की रिपोर्ट संसद को सौंपने के लिए कहा था. इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर ने इसे अदालत की अमनानना बताया था. इसके बाद 7 जजों की एक खंडपीठ का गठन किया गया, जिसने जस्टिस कर्णन के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना से जुड़ी कार्रवाई शुरू की और मई में उन्हें दोषी करार देते हुए 6 महीने जेल की सजा सुनाई.