ओडिशा कैबिनेट ने मंगलवार (5 सितंबर) को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे राज्य के 8 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 29 अगस्त को घोषणा की थी कि आयोगी की सिफारिशों को 1 जनवरी, 2016 से लागू किया जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्य सचिव एपी पाधी ने बताया, ”राज्य सरकार पर वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की वजह से हर साल 4,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार पर 2250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा क्योंकि कर्मचारियों और पेंशनरों को सितंबर की सैलरी में बढ़ी हुई रकम मिलेगी।” हालांकि राज्य सरकार की तरफ से बनाई गई फिटमेंट कमेटी ने भी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, मगर बेसिक सैलरी में 14.2 फीसदी का इजाफा होगा। अब क्लास-4 कर्मचारी की न्यूनतम सैलरी 16,660 रुपये हो जाएगी। न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन 8,300 रुपये हो जाएगी।
कर्मचारियों को अगले आदेश तक पूर्व-परिवर्तित वेतन के हिसाब से हाउस रेंट अलाउंस और अन्य भत्ते मिलते रहेंगे। इसी तरह, सरकार कर्मचारियों व पेंशनरों को 20 महीने का एरियर (जनवरी 2016 से अगस्त 2017 तक) देने के लिए काम कर रही है। इस कदम से ओडिशा से संविदा कर्मचारियों को भी फायदा होगा। मुख्य सचिव के अुनसार, ”संविदा कर्मचारियों का मासिक भुगतान उनके शुरुआती नियुक्ति से 25 प्रतिशत ज्यादा होगा और हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी (6 साल के लिए) होगी।”
कैबिनेट ने यह भी तय किया कि केंद्र की तरह ग्रेच्युटी की सीलिंग भी बढाई जाए। राज्य में ग्रेच्युटी के लिए 7.5 लाख रुपये की सीलिंग की जगह अब 15 लाख रुपये की सीलिंग होगी। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार भी सातवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये महीने से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर सकती है। हालांकि कर्मचारी 25,000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 जून को 34 बदलावों के साथ 7वें वेतन आयोग को अप्रूवल दे दिया है। बढ़ा हुआ भत्ता 1 जुलाई 2017 से मिलेगा और कमेटी के सुझावों के मुताबिक दिया जाएगा।