इसे शायद चमत्कार ही कहा जाएगा कि 9 गोलियां लगने और 2 महीने कोमा में रहने के बाद भी कोई शख्स बच जाए। सीआरपीएफ कमांडर चेतन कुमार चीता के साथ यही हुआ। वह एम्स में भर्ती थे और डिस्चार्ज होने के लिए तैयार हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में चेतन को 9 गोलियां लगी थीं, जिसके बाद उनके बचने की उम्मीद काफी कम थी। डॉक्टर भी इसे कुदरत का करिश्मा ही मान रहे हैं। एम्स के ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर, जहां चीती ने एक महीना बिताया था, ने टीओआई को बताया कि उन्हें आज (5 अप्रैल) ही डिस्चार्ज किया जा सकता है।
45 वर्षीय चीता को जब यहां लाया गया था तो उनके सिर में गोलियां लगी हुई थीं। उनका ऊपरी अंग बुरी तरह से फ्रैक्चर किया था और दाहिनी आंख फूट गई थी। एक डॉक्टर ने बताया कि उनका जीसीएस स्कोर (मस्तिष्क की चोट की गंभीरता को मापने वाला टेस्ट) एम 3 था। वह गंभीर कोमा की स्थिति में थे। अब उनका जीसीएस स्कोर एम6 है। डॉक्टर ने बताया कि वह अब पूरे होश-ओ-हवास में हैं और सभी अहम अंग काम कर रहे हैं।
यह था मामला: 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोर जिले के हाजिन इलाके में 3 जवान और एक आतंकवादी मारा गया था और चीता बुरी तरह घायल हो गए थे। सूत्रों ने बताया था आतंकियों को उनके ठिकाने पर हमले के बारे में पहले से जानकारी मिली हुई थी। उनके बचने को चमत्कार मानते हुए ट्रॉमा सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. अमित गुप्ता कहते हैं कि हम बुधवार को उन्हें डिस्चार्ज करने पर विचार कर रहे हैं।