कैंब्रिज एनालिटिका मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा है. हालांकि इस बार कोर्ट मे लंबित मामलों को लेकर और जजों की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर सवाल उठाए हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘मामले लंबित रहने से न्याय व्यवस्था चरमरा रही हैं. सुप्रीम कोर्ट में 55 हजार से ज्यादा, हाईकोर्ट में 37 लाख से ज्यादा, निचली अदालतों में 2.6 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं. फिर भी हाईकोर्ट में 400 और निचली अदालतों में 6 हजार जजों की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि कानून मंत्री फर्जी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं.’
एक अन्य ट्वीट में राहुल ने कहा, ‘न्यायमूर्ति के एम जोसफ ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का फैसला पलट दिया था. जब उनका नाम सुप्रीम कोर्ट के लिए प्रस्तावित किया गया तो मोदी जी के अहम (ईगो) को ठेस लग गई. सुप्रीम कोर्ट और अलग-अलग हाईकोर्ट के लिए 100 से अधिक जजों की नियुक्ति को स्थगित कर दिया गया.’
रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘मिस्टर राहुल गांधी आंकड़े में हेरफेर के लिए कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजने से आप निश्चित ही बहुत चिंतित होंगे. गुस्सा, हताशा और डर की वजह से अब आप इसमें न्यायपालिका को खींच रहे हैं.’
कानून मंत्री ने कहा, ‘श्रीमान राहुल गांधी, आपके ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखते हुए आपकी टीम ने एक बार फिर होमवर्क नहीं करते हुए आपको गलत जानकारी दी है. यूपीए के पहले कार्यकाल में हाई कोर्ट में हर साल औसतन 86 जजों की नियुक्ति की गई थी, उसके दूसरे कार्यकाल में यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 79 था. लेकिन एनडीए के कार्यकाल में यह सालाना 109 है. 2016 में हाईकोर्ट में रिकॉर्ड 126 जजों को नियुक्ति दी गई, आजादी के बाद से यह सबसे अधिक है.’
दरअसल कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने 2014 के आम चुनावों में ब्रिटेन की डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं.
कांग्रेस ने इससे इनकार करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया था कि उसने ही इस कंपनी की सेवाएं लीं थीं.